Uttarakhand: गढ़वाल-कुमाऊं मंडलों में कहर बरपा रही है जंगल की आग, इस सीजन में आए सर्वाधिक मामले

Uttarakhand - गढ़वाल-कुमाऊं मंडलों में कहर बरपा रही है जंगल की आग, इस सीजन में आए सर्वाधिक मामले
| Updated on: 27-Apr-2022 10:01 AM IST
प्रदेश के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में जंगलों में लगी आग कहर बरपा रही है। मंगलवार को इस फायर सीजन के सर्वाधिक आंकड़े सामने आए हैं। प्रदेश में कुल 124 स्थानों पर जंगलों में आग की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। एक व्यक्ति के आग में झुलसने की सूचना है। वन विभाग इसके आगे विवश नजर आ रहा है। अब विभाग ने जिलों से मदद मांगी है। इसी कड़ी में मंगलवार को कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को समन्वय बनाकर आग की घटनाओं में कमी लाने के निर्देश दिए हैं। 

मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय की ओर से मंगलवार शाम चार बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में प्रदेश में वनाग्नि की 124 घटनाएं रिपोर्ट की गईं। गढ़वाल में आरक्षित वन क्षेत्र में 55, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में तीन, कुल 58 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं, कुमाऊं क्षेत्र में आरक्षित वन क्षेत्र में 46, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 15, कुल 61 घटनाएं दर्ज की गईं। इसी तरह से संरक्षित वन्य जीव पार्कों में भी वनाग्नि की पांच घटनाएं रिपोर्ट की गई। वनाग्नि की इन घटनाओं में कुल 253 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जबकि छह लाख 40 हजार से अधिक की आर्थिक क्षति का आकलन किया गया है। 

पूरे फायर सीजन की बात करें तो इस वर्ष अब तक वनाग्नि की कुल 1216 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें गढ़वाल में 523, कुमाऊं में 625 और संरक्षित वन्य जीव क्षेत्र की 68 घटनाएं शामिल हैं। इनमें 1872 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जबकि 50 लाख रुपये से अधिक की आर्थिकी क्षति का आकलन किया गया है। वहीं, चार लोगों के घायल होने के साथ एक व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। 

दूसरी तरफ मंगलवार को आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मंडल के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों, वनाधिकारियों और जिलों नोडल प्रभागीय वनाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने जिले के अधिकारियों को समन्वय बनाकर जंगलों में लगी आग को बुझाने के साथ ही आग की घटनाओ में कमी लाने के निर्देश दिए। 

गढ़वाल आयुक्त ने इसके लिए ग्राम पंचायतों के साथ ही सिविल सोसाइटी की मदद लेने के लिए भी कहा। डीआईजी गढ़वाल को आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा फायर बजट, दूसरे उपकरणों की उपलब्धता, फायर कर्मियों की जरूरतों के सामान आदि विषयों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही एनडीआरएफ की मदद लेने को भी कहा गया। 

बैठक में सीसीएफ गढ़वाल सुशांत पटनायक, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त धीरज पांडेय, वन संरक्षक गढ़वाल वृत्त एनएन पांडेय, मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा, सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी और नोडल प्रभागीय वनाधिकारी मौजूद रहे।

छात्रों और ग्रामीणों ने बुझाई जंगल की आग

दशोली विकासखंड के सेमडुंग्रा गांव के जंगल में लगी आग को स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने बुझा दिया। आग से कई हेक्टेयर जंगल और गेहूं की फसल जल गई। 

सेमडुंग्रा गांव के जंगल में सोमवार रात को आग लग गई थी। सुबह तक आग गांव के नजदीक पहुंच गई। इसे देखते हुए ग्रामीण आग बुझाने में जुट गए। आग कन्या जूनियर हाईस्कूल सेमडुंग्रा तक पहुंचने लगी तो प्रधानाध्यापक सुदर्शन सिंह तोपाल के नेतृत्व में स्कूली बच्चे भी आग बुझाने में जुट गए। ग्राम प्रधान राजेंद्र सिंह और सरपंच जय सिंह फरस्वाण ने बताया कि आग से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जल गई है। 

उन्होंने बताया कि काफी मशक्कत के बाद आग को बुझा दिया गया है। उधर, गौचर रेंज में धनपुर के जंगल की आग को नागनाथ रेंज में आने से पहले ही काबू कर लिया गया। वन दरोगा आनंद सिंह रावत के नेतृत्व में टीम ने पहले फायर लाइन काटी और उसके बाद हरी टहनियों से आग को बुझाया।

डाडामंडी में आबादी तक पहुंची आग, दो भवन जले

जंगल की आग अब आबादी और कस्बों तक पहुंचने लगी है। सोमवार रात को जंगल की आग द्वारीखाल ब्लाक के डाडामंडी कस्बे और आबादी तक पहुंच गई, जहां वीरान पड़े दो भवनों में आग लग गई। दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। 

सोमवार रात को अचानक जंगल की आग फैलकर डाडामंडी कस्बे तक पहुंच गई। आग से दो वीरान पड़े भवन जल गए। बस्ती के बीच भवनों में लगी आग देख लोगों में अफरा तफरी मच गई। नजदीक के अन्य भवनों में आग लगने के खतरे को देखते हुए पहले लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया। इसके बाद फायर विभाग को फोन पर सूचना दी। सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद किसी प्रकार आग पर काबू पाया। भवन खाली होने के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ, भवन में लगी लकड़ी जल गई। 

गनीमत रही कि आग नजदीक के घरों में नहीं फैली, अन्यथा जान-माल का नुकसान हो सकता था। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से जंगलों में लगी आग को बुझाने की मांग की। आग पर काबू पाने में फायर मैन गजेंद्र भट्ट, अनुसूया प्रसाद गौड़, मो. अरशद, पंकज, गजेंद्र भट्ट ने मदद की।राजस्व उप निरीक्षक राजेश राणा ने बताया कि डाडामंडी में दो वीरान भवनों में आग लगी थी। उन भवनों में कोई नहीं रहता था। आग से हुई क्षति का आकलन किया जाएगा। 


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