Betrayal in Friendship: दोस्तों ने रेती गर्दन और फेंक दिया, 6 महीने बाद आया होश तो सुनाई दरिंदगी की दास्तां

Betrayal in Friendship - दोस्तों ने रेती गर्दन और फेंक दिया, 6 महीने बाद आया होश तो सुनाई दरिंदगी की दास्तां
| Updated on: 08-Jun-2022 08:53 PM IST
Betrayal in Friendship: एक युवक की गर्दन उसके ही तीन दोस्तों ने धारदार हथियार से रेत दी और उसे मरा हुआ जानकर डैम में फेंक दिया. खून से लथपथ युवक पर घंटों बाद किसी की नजर पड़ी तो उसके घरवालों को खबर हुई. उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया. वह छह महीने तक कोमा में रहा. उसकी जिंदगी को लेकर घरवाले नाउम्मीद थे, लेकिन आखिरकार कुछ दिन पहले वह कोमा की बेहोशी से लौट आया और इसके बाद उसने लड़खड़ाती जुबान से दोस्तों की दगाबाजी की कहानी बतायी. 

अपने ही दोस्तों ने काटी गर्दन और फैंक दिया

पुलिस ने बीते सोमवार को उसका बयान दर्ज कर आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है. यह हैरान करने वाली कहानी झारखंड के हजारीबाग शहर के पेलावल ओपी इलाके की है. तकरीबन छह महीने बाद कोमा से लौटे युवक का नाम मो. मेराज है. वह रोमी गांव का रहनेवाला है. उसने ह़ॉस्पिटल में ही पुलिस को दिये बयान में बताया है कि वह अपने तीन दोस्तों के साथ छड़वा डैम इलाके में घूमने गया था. डैम साइड में ही खाने-पीने के बाद उसके दोस्तों ने आपसी विवाद को लेकर उसे बुरी तरह पीटा और हथियार से उसकी गर्दन की नस काट दी. इसके बाद उसे डैम में फेंक दिया गया. उसने बताया है कि उसकी गर्दन रहमत नगर निवासी मेराज उर्फ बंटी ने काटी थी, जबकि दो अन्य दोस्तों ने उसका साथ दिया था. इसके बाद की कोई बात उसे याद नहीं है. 

हुआ बंटी 

पेलावल ओपी प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि युवक के फर्द बयान के आधार पर मुख्य आरोपी बंटी को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.

लड़खड़ाती जुबान से सुनाया सच 

कोमा के बाद नयी जिंदगी में लौटे मेराज के परिजनों के मुताबिक बुरी तरह से जख्मी हालत में जब उसे हजारीबाग स्थित शहीद शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था, तब डॉक्टरों ने उसकी जिंदगी को लेकर कोई भरोसा नहीं दिया था. वह छह महीने तक हॉस्पिटल में ही बिस्तर पर पड़ा रहा. उसकी जिस्म में कोई हरकत नहीं थी, लेकिन वह जिंदा रहा. मां-पिता और घर के लोग उसकी सेवा में लगे रहे. करीब एक हफ्ते पहले उसने लड़खड़ाती जुबान से कुछ-कुछ बोलना शुरू किया. बीते रविवार को डॉक्टरों ने युवक के कोमा से बाहर आने की सूचना पुलिस को दी थी. फिर उसने लड़खड़ाते हुए पूरी कहानी बतायी. मेराज का अब भी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. वह खुद की बदौलत अभी चल-फिर नहीं सकता. उम्मीद की जा रही है कि बेहतर इलाज से वह पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है.

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