India-China Relation: सीमा से सहयोग तक, भारत-चीन ने रिश्तों को नई दिशा देने का किया वादा

India-China Relation - सीमा से सहयोग तक, भारत-चीन ने रिश्तों को नई दिशा देने का किया वादा
| Updated on: 31-Aug-2025 07:20 AM IST

India-China Relation: चीन के विदेश मंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के पोलित ब्यूरो सदस्य वांग यी 18-19 अगस्त 2025 को भारत दौरे पर रहे। यह दौरा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के निमंत्रण पर हुआ। इस दौरान वांग यी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, साथ ही 19 अगस्त को डोभाल के साथ सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं वार्ता की सह-अध्यक्षता की। इस यात्रा के दौरान भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर कई महत्वपूर्ण सहमतियां बनीं।

सीमा विवाद पर वार्ता और प्रगति

भारत और चीन ने माना कि 23वीं वार्ता के बाद से सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनी हुई है। इस दौरे के दौरान दोनों देशों ने सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए विशेषज्ञ समूह और कार्य समूह के गठन पर सहमति जताई। इसके अलावा, राजनयिक और सैन्य स्तरों पर बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम को सक्रिय करने का निर्णय लिया गया। अगली विशेष प्रतिनिधि वार्ता (25वीं) चीन में आयोजित होगी।

द्विपक्षीय संबंधों पर सहमति

वांग यी और एस. जयशंकर की बैठक में भारत-चीन संबंधों को स्थिर और सहयोगी बनाने पर जोर दिया गया। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। चीन ने एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी का स्वागत किया, जबकि भारत ने चीन की अध्यक्षता का समर्थन किया। इसके साथ ही, दोनों देशों ने ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी में एक-दूसरे का समर्थन करने पर सहमति जताई।

सीधी उड़ानें और राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ

दोनों देशों के बीच जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू करने और वीजा सुविधाओं को सरल बनाने पर सहमति बनी है। साल 2025 में भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी, जिसके लिए संयुक्त सांस्कृतिक और राजनयिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, 2026 में भारत में तीसरी बैठक आयोजित होगी।

कैलाश-मानसरोवर यात्रा का पुनरारंभ

वांग यी की यात्रा के दौरान कैलाश-मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर भी चर्चा हुई। इस तीर्थयात्रा को 2026 में न केवल शुरू किया जाएगा, बल्कि इसे और व्यापक बनाने पर भी जोर दिया गया। यह कदम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

व्यापार और जल सहयोग

विदेश मंत्रालय के अनुसार, लिपुलेख, शिपकी ला और नाथू ला दर्रों से सीमा व्यापार को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। दोनों देशों ने व्यापार को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। इसके साथ ही, सीमा पार नदियों पर सहयोग को मजबूत करने और जल संबंधी सूचनाओं को साझा करने पर भी समझ बनी। यह सहयोग दोनों देशों के बीच पर्यावरणीय और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।

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