Delhi Election 2025: कालकाजी और ओखला से नई दिल्ली तक... 70 सीटों का जानें A टू Z समीकरण

Delhi Election 2025 - कालकाजी और ओखला से नई दिल्ली तक... 70 सीटों का जानें A टू Z समीकरण
| Updated on: 05-Feb-2025 10:13 AM IST

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। राजधानी की सभी 70 सीटों पर कुल 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन उम्मीदवारों का भाग्य 1 करोड़ 56 लाख से अधिक मतदाता तय करेंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता में बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (INC) अपनी वापसी की कोशिशों में जुटी हुई हैं। इसके अलावा, AIMIM, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अन्य छोटे दल भी चुनावी मैदान में हैं।

प्रमुख दलों की स्थिति

आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा ने अधिकांश सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा है, जबकि भाजपा 68 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है और 2 सीटों पर उसके सहयोगी दल चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा 69 सीटों पर और AIMIM दो सीटों पर चुनावी दांव आजमा रही है।

सियासी दांव और दांव पर लगी प्रतिष्ठा

2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में प्रवेश किया था और 2015 तथा 2020 में उसने भारी बहुमत से सरकार बनाई। इस बार, पार्टी ने 62 मौजूदा विधायकों में से 36 को फिर से टिकट दिया है, जबकि 26 नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है। आम आदमी पार्टी के विकास मॉडल को चुनौती देने के लिए भाजपा और कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही हैं।

भाजपा और कांग्रेस की रणनीति

भाजपा ने 27 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने के बावजूद अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य दिग्गज नेताओं को प्रचार में झोंक दिया है। भाजपा लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करती रही है, लेकिन विधानसभा में उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी।

कांग्रेस के लिए यह चुनाव उसके सियासी अस्तित्व को बचाने की जंग साबित हो सकता है। 15 वर्षों तक दिल्ली पर राज करने के बाद 2015 और 2020 में कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी। इस बार राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता केजरीवाल सरकार पर हमलावर रहे हैं और विशेष रूप से दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस ने ध्यान केंद्रित किया है।

हॉट सीट्स और प्रमुख उम्मीदवार

  1. नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा से प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और कांग्रेस से संदीप दीक्षित चुनाव लड़ रहे हैं।

  2. कालकाजी: आम आदमी पार्टी की आतिशी के खिलाफ कांग्रेस की अलका लांबा और भाजपा के रमेश बिधूड़ी चुनावी मैदान में हैं।

  3. बल्लीमारान: आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन, कांग्रेस के हारुन यूसुफ और भाजपा के कमल बागड़ी के बीच मुकाबला है।

  4. ओखला: अमानतुल्लाह खान का AIMIM के शिफाउर रहमान, कांग्रेस के अरीबा खान और भाजपा के मनीष चौधरी से मुकाबला है।

क्या बदलेगा दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य?

दिल्ली चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2020 में 17 सीटें 10,000 से कम वोटों के अंतर से जीती गई थीं। आम आदमी पार्टी ने अपनी कमजोर सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारा है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

दिल्ली में 18% मतदाता स्विंग वोटर हैं, जो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अलग-अलग वोटिंग पैटर्न अपनाते हैं। अगर लोकसभा की तरह विधानसभा में भी भाजपा को समर्थन मिलता है, तो वह सत्ता में वापसी कर सकती है। लेकिन अगर आम आदमी पार्टी ने स्विंग वोटर्स को अपने पक्ष में कर लिया, तो फिर से उसकी सरकार बन सकती है।

दिल्ली का यह चुनाव न सिर्फ स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालेगा। नतीजे 8 फरवरी को आएंगे और तब यह तय होगा कि दिल्ली का सियासी समीकरण किस करवट बैठता है।

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