उत्तराखंड: तबाही के मंजर की भयावह स्थिति- अबतक 14 की मौत, 170 लापता, बचाव काम जारी

उत्तराखंड - तबाही के मंजर की भयावह स्थिति- अबतक 14 की मौत, 170 लापता, बचाव काम जारी
| Updated on: 08-Feb-2021 08:43 AM IST
चमोली तबाही: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 14 शव बरामद हुए हैं। हालांकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। इस तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं। इस हादसे में तपोवन का पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया है। कल आईटीबीपी ने टनल में फंसे 12 लोगों को निकाला है। वहीं, दूसरे टनल में अब भी करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है। फिलहाल बचाव कार्य लगातार तेजी से चल रहा है। 

रैणी गांव में 100 से ज्यादा लोग लापता

चमोली जिले में रात भर राहत और बचाव के काम चलता रहा। आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं।  थोड़ी देर में वायुसेना भी राहत के काम में लग जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान रैणी गांव के लोगों को हुआ है। यहां 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। चमोली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को सतर्क रहने को भी कहा है।

ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह

सबसे पहले रैणी गांव के पास ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में सैलाब ने तबाही मचाई। पावर प्रोजेक्ट को ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को तहस-नहस कर दिया। सैलाब में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट 2005 में बना था। ये पावर प्रोजेक्ट 13 मेगावॉट से ज्यादा क्षमता का निजी प्रोजेक्ट है। इस पावर प्रोजेक्ट को लेकर कई विवाद भी रहेस हालांकि यहां पर बिजली उत्पादन शुरू हो गया था। इस प्रोजेक्ट में करीब 35 लोग काम करते थे, जिनमें चार पुलिसकर्मी की भी ड्यटी थी। दो छुट्टी पर थे और दो लापता हैं। करीब 30 लोग अभी भी लापता है।

एनटीपीसी का तपोवन पावर प्रोजेक्ट भी तबाह

सरकारी कंपनी के एनटीपीसी के तपोवन पावर प्रोजेक्ट में 2006 में बनना शुरू हुआ था और इसका 70 से ज्यादा फीसदी काम पूरा हो चुका था। इसी साल इस प्रोजेक्ट का काम पूरा होने का अनुमान था, लेकिन इस तबाही से पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान हुआ है। इस प्रोजेक्ट काम कर रहे 148 लोग अभी भी लापता हैं। ऋषि गंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट के अलावा रैणी गांव, लाता गांव और मलारी इलाके में सड़कें बह गई। साथ ही बीआरओ का एक पुल भी बह गया।

कितने रुपए के मुआवजे का हुआ एलान?

तबाही की खबर आते ही प्रशासन एक्टिव हो गया। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री हर तरफ दिशा निर्देश आने शुरू हो गए। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपए का ऐलान किया है। जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है।

यूपी के बिजनौर में भी अलर्ट जारी

इस वक्त बचाव कामों में आर्मी, एयरफोर्स। आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान जुटे हैं। उत्तराखंड के जोशीमठ में धौलीगंगा नदी में ग्लेशियर टूटने से बाढ़ आई। जो आगे अलकनंदा में मिलते हुए गंगा नदी के रूप में हरिद्वार तक जाती है। इसीलिए ऐहतियातन यूपी के बिजनौर तक में अलर्ट जारी किया गया।

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