जयपुर: गजेंद्र सिंह शेखावत को मोदी सरकार में जल शक्ति मंत्रालय का जिम्मा

जयपुर - गजेंद्र सिंह शेखावत को मोदी सरकार में जल शक्ति मंत्रालय का जिम्मा
| Updated on: 31-May-2019 09:02 PM IST
मेघवाल को संसदीय मामलों, भारी उद्योग व पब्लिक एंटरप्राइजेज राज्यमंत्री का जिम्मा

कैलाश चौधरी को कृषि तथा किसान कल्याण राज्यमंत्री बनाया

जयपुर। जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को नवगठित जल शक्ति मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। बीकानेर के सांसद अर्जुन मेघवाल को संसदीय मामलों, भारी उद्योग व पब्लिक एंटरप्राइजेज में राज्यमंत्री तथा बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी को कृषि तथा किसान कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में एक रैली में इस मंत्रालय के गठन की घोषणा की थी। अब ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को भी गति मिलेगी। मंत्रालय मिलने के बाद गजेंद्र सिंह ने कहा, राजस्थान में पीने का पानी, सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाएंगे। गंगा सफाई काम तेज गति से चल रहा है तथा बचा काम जल्द पूरा करवाएंगे। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी सरकार में राजस्थान से तीन सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इसमें राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत को केबिनेट और बाड़मेर के सांसद कैलाश चौधरी तथा बीकानेर के सांसद अर्जुन मेघवाल को राज्यमंत्री बनाया गया। गुरुवार को मोदी सरकार ने शपथ ली थी।

गजेंद्र सिंह व मेघवाल को फिर से मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में गजेंद्र सिंह कृषि राज्यमंत्री थे। उन्हें लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत को 2.7 लाख वोट से हराने तथा पिछली सरकार में अच्छा काम करने के कारण मंत्री बनाया गया है।  अर्जुन मेघवाल वित्त राज्यमंत्री थे। मेघवाल को पिछली सरकार में अच्छा प्रदर्शन करने तथा काम का अनुभव होने के कारण फिर मंत्री बनाया गया है। वहीं कैलाश चौधरी को भाजपा के कद्दावर नेता रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को लोकसभा चुनाव में हराने का तोहफा दिया गया है।

मोदी ने की थी घोषणा

मोदी ने एक रैली में घोषणा की थी कि एक जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया जाएगा जो देश में सूखी बावडियों, तालाबों और नहरों को साफ करके प्रत्येक गांव और ढाणी तक पानी पहुंचाने का काम करेगा। एक मंत्री पूरी तरह पानी के लिए होगा। देशभर की नदियों व समुद्र के पानी को साफ करके लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए इसके लिए काम होगा। 

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को मिलेगी गति

अब 37 हजार करोड़ रूपए की लागत वाले ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को गति मिलेगी। इस परियोजना के तहत झालावाड़, बारां और कोटा जिले की नदियों को आपस में जोड़कर नहर के जरिये इसके पानी को धौलपुर तक लाया जाएगा। फिर इससे बड़ी नहरें निकालकर अलवर, भरतपुर, जयपुर, अजमेर, टोंक सवाईमाधोपुर और करौली समेत 13 जिलों में पानी पहुंचाया जाएगा। इस परियोजना में जयपुर के रामगढ़ बांध को भी फिर से जिंदा करने की सरकार की योजना है। दक्षिणी पूर्वी राजस्थान में बारिश के वक्त बाढ़ की वजह बनने वाली कालीसिंध, पार्वती, मेज और चाकन नदियों का सरप्लस वाटर कैनाल के जरिये लाया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट में चंबल नदी से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। चंबल के ऊपर एक्वाडक्ट बनाकर पानी लाने के बजाय सरकार ने चंबल के नीचे जल सुरंग बनाकर कैनाल मार्ग को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना है। रास्ते में जिस भी नदी और बांध में पानी की कमी होगी उसमें जरूरत के मुताबिक पानी पहुंचाया जाएगा। सरकार का दावा है कि प्रोजेक्ट के पूरा होने पर इससे न केवल इलाके की जनता की प्यास बुझेगी, बल्कि खेतों में सिंचाई के लिये भी पानी उपलब्ध होगा। इसमें राज्य के पूर्वी हिस्से के 13 जिलों सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, दौसा, टोंक, भरतपुर, कोटा, बूंदी, अलवर, बारां, झालावाड़, अजमेर और जयपुर में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

ईआरसीपी परियोजना के तहत पार्वती, कालीसिंध, मेज एवं चाकन सहित विभिन्न नदियों के पानी को व्यर्थ बहने से रोककर सिंचाई और पेयजल के उपयोग में लाया जाएगा। इस परियोजना को धौलपुर लिफ्ट एवं चंबल लिफ्ट परियोजनाओं से भी जोड़ा जाएगा, जिससे इन जिलों में किसानों को दो फसलें लेने के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा। इस प्रोजेक्टर को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी।

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