देश: सरकार ने बदला 50 साल पुराना कानून, अब पेंशनर की हत्या होने पर भी रोकी नहीं जाएगी पेंशन
देश - सरकार ने बदला 50 साल पुराना कानून, अब पेंशनर की हत्या होने पर भी रोकी नहीं जाएगी पेंशन
|
Updated on: 30-Jun-2021 11:01 AM IST
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेंशन से जुड़ा 50 साल पुराना कानून बदल दिया है। साल 1972 में आए कानून के बाद पेंशनभोगियों (Government Pensioner) की हत्या के मामले बढ़ने लगे थे। घर में ही पेंशन के लिए हत्याएं की जाती थीं। जीवन साथी या बच्चे, पेंशनभोगी को मार देते थे। ऐसे मामलों में सरकार ने पारिवारिक पेंशन को तब तक 'निलंबित' कर दिया था जब तक कि किसी भी तरह का कानूनी फैसला नहीं हो जाता। अगर आरोपी को बरी कर दिया जाता था तो बकाया राशि के साथ पारिवारिक पेंशन फिर से शुरू कर दी जाती थी। अगर आरोपी को दोषी ठहराया जाता था तो बकाया राशि के साथ परिवार के अगले पात्र सदस्य की पेंशन फिर से शुरू कर दी जाती थी। धीमी गति से चलने वाली भारतीय न्यायिक व्यवस्था को ध्यान में रखकर देखें तो यह नियम बाकी परिवार के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं था। 16 जून को सरकार ने इस नियम को बदल दिया है। सरकार ने कहा कि ऐसे मामलों में पारिवारिक पेंशन निलंबित नहीं की जाएगी बल्कि परिवार के अगले पात्र सदस्य (आरोपी के अलावा) को तुरंत दी जाएगी चाहे वह मृतक के बच्चे हों या माता-पिता हों। नए आदेश में कहा गया है, 'कानूनी मामलों के विभाग के परामर्श से प्रावधानों की समीक्षा की गई है।' कार्मिक मंत्रालय ने आदेश में कहा 'परिवार के किसी अन्य सदस्य (जैसे आश्रित बच्चे या माता-पिता) को पारिवारिक पेंशन नहीं देना गलत है। कानूनी कार्यवाही को अंतिम रूप देने में लंबा समय लग सकता है। ज्यादा वक्त लगने के कारण मृतक के पात्र बच्चों / माता-पिता को पारिवारिक पेंशन ना मिलने से आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।' नाबालिग हो पात्र तो क्या होगा?नए नियम के अनुसार ऐसे मामलों में जहां पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति पर सरकारी कर्मचारी की हत्या करने या ऐसा अपराध करने के लिए उकसाने का आरोप लगता है तो उस परिवार की पेंशन निलंबित रहेगी। लेकिन इस संबंध में आपराधिक कार्यवाही के खत्म होने तक परिवार के अन्य पात्र सदस्य को पारिवारिक पेंशन की अनुमति दी जा सकती है।आदेश में यह भी कहा गया है 'अगर सरकारी कर्मचारी के पति या पत्नी पर आरोप लगता है और अन्य पात्र सदस्य मृतक सरकारी कर्मचारी की नाबालिग संतान है, तो ऐसे बच्चे को नियुक्त अभिभावक के माध्यम से पेशंन मिलेगा। बच्चे के माता या पिता (जिस पर आरोप लगा हो) परिवारिक पेंशन निकालने के मकसद से अभिभावक के तौर पर नियुक्त नहीं हो सकते हैं।'नए आदेशों में कहा गया है कि अगर आरोपी को बाद में हत्या के आरोप से बरी कर दिया जाता है तो उसे बरी करने की तारीख से परिवार पेंशन मिलेगी जाएगी। उसी तारीख से परिवार के अन्य सदस्य को मिल रही पारिवारिक पेंशन बंद कर दी जाएगी।
Disclaimer
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।