राजनीति: हनुमान बेनीवाल का बीजेपी पर पलटवार,कही ये बड़ी बात

राजनीति - हनुमान बेनीवाल का बीजेपी पर पलटवार,कही ये बड़ी बात
| Updated on: 10-Jan-2021 09:25 AM IST
  • बीजेपी नेताओं का किसानों से कोई मोह नहीं,बयान दे रहे नेताओं को धरातल की नॉलेज नहीं, इन्हें इलाज की जरूरत-बेनीवाल

किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान से राजनीति गरमा गई है। बीजेपी सांसद जसकौर मीणा और विधायक मदन दिलावर के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पलटवार किया है। बेनीवाल ने कहा कि इन नेताओं को धरातल की जानकारी नहीं है। जसकौर मीणा व मदन दिलावर को राजस्थान बॉर्डर पर जाकर देखना चाहिए कि किसान वहां चिकन बिरयानी खा रहे हैं या खुद खाना बनाकर पेटभर रहे हैं। ये सिंबल के नेता हैं, कमल के फूल के नेता हैं। इन्होंने पार्टी बनाकर चुनाव नहीं लड़ा, नहीं तो पता लग जाता, चुनाव क्या होता है? ऐसे नेताओं को इलाज की आवश्यकता है।


सवाल- बीजेपी नेता आंदोलन को लेकर बयान दे रहे हैं। इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब- दिल्ली के चारों तरफ से से 6 राज्य में आंदोलन चल रहा है। यहां लोकसभा की 120 सीट हैं। ये जन आंदोलन है। इसे हल्के में न लें , ये बीजेपी को 2 सीट पर लाकर छोड़ेगा। इस तरह की बयानबाजी से बीजेपी के नेताओं को बाज आना चाहिए। आरएलपी राजस्थान में सबसे बड़ा आंदोलन कर रही है, तभी तो हाईवे पहली बार जाम हुआ है। क्या इससे पहले इतने लंबे समय तक जाम रहा है।


सवाल-बीजेपी नेताओं का आरोप है कि किसान आंदोलन के नाम पर पिकनिक मना रहे हैं, चिकन बिरयानी खा रहे हैं।

जवाब- टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर में आंदोलन चल रहा है। यहां कड़कड़ाती ठंड में मैं भी बैठा हूं, यहां कोई चिकन बिरयानी नहीं खा रहा है। 50 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी है। सिर्फ अखबार में बयान छपवाने के लिए बीजेपी नेता ऐसी अनर्गल बातें कर रहे हैं। ऐसे बयान नहीं आने चाहिए, यह केवल झूठी लोकप्रियता हासिल करने के लिए बयान दे रहे हैं। बेनीवाल ने कहा कि जो आंदोलन कर रहे हैं वो सभी किसान ही हैं। देश का एक सांसद भी इन किसानों के साथ आंदोलन में बैठा है। जितने भी नेता बयान दे रहे हैं, इनकी आदत है, बयान देकर कैसे न कैसे अखबार में छपा जाए। इन्हें छपास का रोग है।


सवाल-बीजेपी नेता का आरोप कि आंदोलन में भेष बदलकर लोग आ रहे हैं?

जवाब- आंदोलन में अगर भेष बदलकर लोग आ रहे हैं, तो केंद्र सरकार इसकी जांच करें। क्या सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियां सो रही हैं ? आतंकवादी, अलगाववादी, उग्रवादी आ रहे हैं तो दिल्ली की इंटेलिजेंस बताए क्या वह नींद ले रही है ? मैंने दौसा सांसद जसकौर मीणा का भी बयान भी पढ़ा था। जसकौर ने कहा था कि आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को उग्रवादी, अलगाववादी, आतंकवादी बताना। किसानों को चिकन बिरयानी खाने वाला बताना। यह बयान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भाजपा नेताओं को किसानों से कोई सरोकार नहीं है।

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