Business News: HPL ग्रुप के साथ Havells India का ₹129.60 करोड़ में विवाद सुलझा

Business News - HPL ग्रुप के साथ Havells India का ₹129.60 करोड़ में विवाद सुलझा
| Updated on: 09-Nov-2025 01:53 PM IST
Havells India ने HPL ग्रुप और उसके प्रमोटरों के साथ 'HAVELLS' मार्क के उपयोग से। संबंधित एक महत्वपूर्ण और लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है। इस समाधान के लिए, Havells India ने HPL ग्रुप को ₹129. 60 करोड़ का भुगतान किया है। यह समझौता दोनों पक्षों के बीच सभी लंबित विवादों और मुकदमेबाजी का एक पूर्ण और अंतिम समाधान प्रस्तुत करता है, जिससे भविष्य में किसी भी कानूनी उलझन की संभावना समाप्त हो जाती है।

विवाद का मूल और कानूनी यात्रा

यह विवाद 'HAVELLS' ट्रेडमार्क के उपयोग के अधिकारों को लेकर केंद्रित था, जो कि Havells India के लिए एक महत्वपूर्ण ब्रांड पहचान है। यह मामला विभिन्न न्यायालयों में लंबित था, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दायर स्पेशल लीव याचिकाएं (SLP) भी शामिल थीं। दिल्ली हाई कोर्ट ने इन जटिल विवादों को मध्यस्थता के। लिए भेजा था, जो कि एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया है। मध्यस्थता का उद्देश्य दोनों पक्षों को एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने में मदद करना था, जिससे लंबी और महंगी अदालती कार्यवाही से बचा जा सके और 8 नवंबर, 2025 को, मध्यस्थता प्रक्रिया के सफल समापन के बाद, दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ और उस पर हस्ताक्षर किए गए। यह तारीख भविष्य की है, जैसा कि प्रदान की गई जानकारी में उल्लेख किया गया है।

समझौते की मुख्य शर्तें

समझौते के तहत, HPL ग्रुप ने कई महत्वपूर्ण रियायतें दी हैं जो Havells India के लिए 'HAVELLS' मार्क पर उसके अधिकारों को मजबूत करती हैं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, HPL ग्रुप ने 1971 से 'HAVELLS' मार्क पर Havells India के पूर्ण अधिकारों को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है। यह स्वीकृति Havells India के लिए ब्रांड की ऐतिहासिक स्वामित्व और निरंतरता को स्थापित करती है। इसके अलावा, HPL ग्रुप ने 'HAVELLS' मार्क से संबंधित अपने सभी दावों को पूरी तरह से छोड़ दिया है। यह कदम HPL ग्रुप को भविष्य में इस मार्क पर किसी भी प्रकार का दावा करने से रोकता है।

भविष्य में मार्क का उपयोग न करने की प्रतिबद्धता

समझौते का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि HPL ग्रुप ने 'HAVELLS' मार्क का किसी भी रूप में उपयोग न करने या उसे चुनौती न देने पर सहमति व्यक्त की है। यह प्रतिबद्धता Havells India को अपने ट्रेडमार्क की सुरक्षा और ब्रांड पहचान को लेकर निश्चिंत करती है। इसका मतलब है कि HPL ग्रुप अब अपने उत्पादों, सेवाओं या। किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में 'HAVELLS' नाम का उपयोग नहीं कर पाएगा। यह Havells India के लिए एक स्पष्ट बाजार स्थिति सुनिश्चित करता। है और उपभोक्ताओं के बीच किसी भी भ्रम को समाप्त करता है।

कॉर्पोरेट नामों में परिवर्तन

समझौते के हिस्से के रूप में, HPL ग्रुप अपनी दो इकाइयों, Havell's। Private Limited और Havells Electronics Private Limited, के कॉर्पोरेट नामों को भी बदलेगा। इन नामों को 'HAVELLS' शब्द से रहित नामों में परिवर्तित किया जाएगा और यह कदम HPL ग्रुप की ब्रांड पहचान से 'HAVELLS' नाम को पूरी तरह से हटाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि HPL ग्रुप की कोई भी इकाई भविष्य में 'HAVELLS' नाम का उपयोग करके किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि न करे, जिससे Havells India के ब्रांड की विशिष्टता बनी रहे।

वित्तीय समाधान और अंतिम निपटान

Havells India द्वारा HPL ग्रुप को ₹129. 60 करोड़ का भुगतान इस समझौते का वित्तीय आधार है। यह भुगतान एक बार का, पूर्ण और अंतिम समाधान है, जिसका अर्थ है कि इस विवाद से संबंधित कोई और वित्तीय या कानूनी दायित्व दोनों पक्षों पर नहीं रहेगा। यह Havells India के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश है जो उसे। अपने प्रमुख ट्रेडमार्क पर पूर्ण नियंत्रण और स्पष्टता प्रदान करता है। HPL ग्रुप के लिए, यह भुगतान एक महत्वपूर्ण वित्तीय मुआवजा है जो उन्हें इस विवाद। से बाहर निकलने और अपनी व्यावसायिक रणनीतियों को फिर से परिभाषित करने में मदद करेगा।

दोनों कंपनियों के लिए निहितार्थ

यह समझौता Havells India के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि यह उनके सबसे मूल्यवान बौद्धिक संपदा अधिकारों में से एक को सुरक्षित करता है। यह उन्हें बिना किसी कानूनी बाधा के अपने ब्रांड 'HAVELLS' का विस्तार और विपणन जारी रखने की अनुमति देगा। दूसरी ओर, HPL ग्रुप के लिए, यह समझौता उन्हें एक लंबे और महंगे कानूनी विवाद से मुक्ति दिलाता है, जिससे वे अपनी ऊर्जा और संसाधनों को अपने मुख्य व्यवसाय पर केंद्रित कर सकें। 'HAVELLS' नाम को छोड़ने के बावजूद, HPL ग्रुप अब एक स्पष्ट कानूनी स्थिति के साथ आगे बढ़ सकता है। यह समझौता भारतीय कॉर्पोरेट जगत में ट्रेडमार्क विवादों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण। प्रस्तुत करता है, जहां मध्यस्थता और आपसी सहमति से बड़े विवादों को सुलझाया जा सकता है।

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