Cryptocurrency: क्रिप्टो माइनिंग में भारत कैसे बन सकता है ग्लोबल साउथ का सुपर पॉवर?

Cryptocurrency - क्रिप्टो माइनिंग में भारत कैसे बन सकता है ग्लोबल साउथ का सुपर पॉवर?
| Updated on: 29-Mar-2025 06:00 AM IST

Cryptocurrency: क्रिप्टो माइनिंग वैश्विक स्तर पर एक उभरता हुआ क्षेत्र है, लेकिन भारत इसमें पीछे छूट रहा है। भारत में ग्लोबल आईटी वर्कफोर्स का 11% हिस्सा है और हर साल 15 लाख से अधिक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स निकलते हैं, फिर भी वैश्विक क्रिप्टो माइनिंग में भारत की हिस्सेदारी 1% से भी कम है। भारत के पास इस क्षेत्र में ग्लोबल साउथ का सुपरपावर बनने की क्षमता है।

क्रिप्टो माइनिंग क्या है?

क्रिप्टो माइनिंग वह प्रक्रिया है जिसमें बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो एसेट्स के नए टोकन बनाए जाते हैं और ट्रांजेक्शन को सत्यापित किया जाता है। यह एक विकेंद्रीकृत नेटवर्क है जिसमें विशेष कंप्यूटर जटिल गणनाएं करके ब्लॉकचेन में लेन-देन जोड़ते हैं। इसमें योगदान देने वाले माइनर्स को नए टोकन के रूप में इनाम दिया जाता है, जिससे नेटवर्क सुरक्षित और सक्रिय रहता है।

दुनिया के कई देश कर रहे हैं क्रिप्टो माइनिंग

अमेरिका, कनाडा और कजाकिस्तान ने ऊर्जा संसाधनों और अनुकूल नीतियों के साथ क्रिप्टो माइनिंग को बड़े स्तर पर अपनाया है। अमेरिका वर्तमान में वैश्विक बिटकॉइन माइनिंग का 37.8% हिस्सा संभाल रहा है। भूटान और नॉर्वे जैसे देश जलविद्युत ऊर्जा का उपयोग कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। एल साल्वाडोर ने अपनी ज्वालामुखीय ऊर्जा से "बिटकॉइन सिटी" बनाने की योजना बनाई है।

भारत क्यों पीछे है?

भारत में क्रिप्टो माइनिंग पर कोई सीधा प्रतिबंध नहीं है, लेकिन नीतिगत अस्थिरता, उच्च कर और सहयोगी ढांचे की कमी इसकी प्रमुख बाधाएं हैं। 2022 में क्रिप्टो आय पर 30% कर और 1% टीडीएस लागू होने के बाद कई भारतीय स्टार्टअप दुबई, सिंगापुर और एस्टोनिया जैसे देशों में शिफ्ट हो गए।

2030 तक 8 लाख नौकरियां और अरबों डॉलर का राजस्व

NASSCOM और Hashed Emergent की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत इस क्षेत्र में कदम बढ़ाता है, तो 2030 तक 8 लाख से अधिक नौकरियां और लगभग 184 अरब डॉलर का आर्थिक योगदान प्राप्त हो सकता है।

क्रिप्टो माइनिंग के लिए ऊर्जा का महत्व

क्रिप्टो माइनिंग के लिए ऊर्जा आवश्यक है, और भारत के पास विशाल नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं। 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य के साथ, भारत क्रिप्टो माइनिंग को अपनाकर अपनी ऊर्जा स्थिरता में योगदान दे सकता है।

किन राज्यों में संभावनाएं हैं?

कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों में पर्याप्त सौर और पवन ऊर्जा संसाधन हैं, जिन्हें क्रिप्टो माइनिंग में उपयोग किया जा सकता है। इससे राज्यों को अतिरिक्त राजस्व और विकास योजनाओं में निवेश का अवसर मिलेगा।

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