Israel-Hezbollah War: कैसे बना हिजबुल्लाह का लेबनान, इसे क्यों मुस्लिम देश नहीं माना जाता?

Israel-Hezbollah War - कैसे बना हिजबुल्लाह का लेबनान, इसे क्यों मुस्लिम देश नहीं माना जाता?
| Updated on: 30-Sep-2024 07:00 AM IST
Israel-Hezbollah War: लेबनान, जो आज इजराइली हमलों से तबाही झेल रहा है, दुनिया के सबसे प्राचीन देशों में से एक है। यह एक छोटा पर्वतीय देश है, जो अलग-अलग समय में कई शासकों के अधीन रहा है। 1943 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद, लेबनान में विभिन्न धर्मों के लोगों को सत्ता में स्थान दिया गया। लेकिन इसी धार्मिक विभाजन ने बाद में राजनीतिक टकराव को जन्म दिया, जिसका परिणाम गृहयुद्ध और हिज़बुल्लाह के उदय के रूप में सामने आया।

लेबनान का इतिहास और संस्कृति

लेबनान की सांस्कृतिक विरासत 2500 ईसा पूर्व से फीनिसियनों के शासन से शुरू होती है। इसके बाद इस क्षेत्र पर फारसी, रोमन, यूनानी, अरब, और उस्मानी तुर्कों का शासन रहा। आधुनिक इतिहास में, 1943 में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद से आजादी के बाद लेबनान गणराज्य का गठन हुआ। लेबनान की आबादी में प्रमुखता से शिया, सुन्नी मुस्लिम, ईसाई और द्रूज़ समुदाय शामिल हैं। देश का यह धार्मिक और सांस्कृतिक मिश्रण इसे अन्य मुस्लिम बहुल देशों से अलग करता है, जिसके कारण लेबनान को मुस्लिम राष्ट्र नहीं कहा जाता।

हिज़बुल्लाह का उदय

लेबनान का गृहयुद्ध (1975-1990) के दौरान देश में बढ़ती अस्थिरता और विदेशी हस्तक्षेप ने कई सशस्त्र गुटों को बढ़ावा दिया। इसी दौरान, 1982 में इजराइल के हमले के बाद ईरान और सीरिया के सहयोग से हिज़बुल्लाह का गठन हुआ। यह शिया समुदाय आधारित संगठन धीरे-धीरे देश के दक्षिणी हिस्से और बेरुत में मजबूत हो गया, और आज यह एक शक्तिशाली सैन्य और राजनीतिक संगठन है।

लेबनान की वर्तमान स्थिति

हिज़बुल्लाह का प्रभाव अब केवल लेबनान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ईरान से आर्थिक और सैन्य सहयोग पाता है। इसका मजबूत सैन्य संगठन लेबनान की सरकार और क्षेत्रीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है। हालांकि हिज़बुल्लाह लेबनान की सरकार का हिस्सा भी है, लेकिन इसके सैन्य और राजनीतिक विंग के अलग-अलग उद्देश्य और कार्य हैं।

इजराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष

2023 में हमास द्वारा इजराइल पर हमले के बाद हिज़बुल्लाह ने उत्तरी इजराइल पर हमले शुरू कर दिए। इसके परिणामस्वरूप इजराइल ने लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे संगठन को भारी नुकसान हुआ। इजराइल की ओर से कई शीर्ष हिज़बुल्लाह कमांडर मारे गए, और अंततः सितंबर 2024 में बेरुत में संगठन के अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर पर हमला कर इसके प्रमुख हसन नसरल्लाह को भी मार गिराया गया।

लेबनान का वर्तमान संकट हिज़बुल्लाह के उदय और क्षेत्रीय संघर्षों का परिणाम है, जिसने इस प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक देश को युद्ध का मैदान बना दिया है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।