Delhi Electricity Bill: कितनी महंगी हुई दिल्ली में बिजली, किसे ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा? यहां समझिए

Delhi Electricity Bill - कितनी महंगी हुई दिल्ली में बिजली, किसे ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा? यहां समझिए
| Updated on: 26-Jun-2023 05:46 PM IST
Delhi Electricity Bill: देश की राजधानी दिल्ली के निवासियों के लिए सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आई. दिल्ली में अब बिजली महंगे दामों पर मिलेगी. ये फैसला तब हुआ जब दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने राजधानी में बिजली के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. हालांकि, इस फैसले के बाद भी आम आदमी पार्टी की सरकार दावा कर रही है कि डीईआरसी के फैसले के बाद भी मुफ्त बिजली पाने वाले लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. ऐसे में बिजली के दाम बढ़ने का फैसला किन लोगों पर सीधा असर डालेगा, आपको समझाते हैं.

दिल्ली में पिछले कुछ वक्त से डीईआरसी चर्चा में है, हाल ही में बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति उमेश कुमार की नियुक्ति हुई थी, जिसका अरविंद केजरीवाल सरकार ने विरोध किया था. इस बीच अब बिजली के दाम को लेकर फिर केंद्र और राज्य आमने-सामने हैं. डीईआरसी ने राजधानी में करीब 10 फीसदी दाम बढ़ाने का फैसला किया है. हालांकि इसका असर काफी हद तक कंपनियों तक ही सीमित रहेगा.

अब दिल्ली में कितना देना होगा बिजली बिल?

DERC के फैसले के बाद लोगों में बिजली बिल को लेकर कन्फ्यूजन था. ऐसे में दिल्ली सरकार में बिजली मंत्री आतिशी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे दूर करने की कोशिश की. आतिशी ने केंद्र पर बिजली के दाम बढ़ाने का आरोप लगाया. साथ ही बताया कि जो लोग मुफ्त बिजली पाने के दायरे में आते हैं, उन्हें अधिक पैसा नहीं देना होगा. आतिशी के मुताबिक, दिल्ली में अभी जो लोग मुफ्त बिजली पाने की लिस्ट में नहीं हैं उनपर नई दरों के तहत 8 फीसदी अधिक सरचार्ज देना होगा.

यानी अगर आप दिल्ली में रहते हैं और मुफ्त बिजली वाली ब्रैकेट में नहीं हैं तब आपको अधिक पैसा खर्च करना होगा. आतिशी ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर आपका बिल अभी तक 100 रुपये आता था, तो अब आपको 108 रुपये देने होंगे. उन्होंने साफ किया कि बढ़ी हुई कीमत यूनिट नहीं सरचार्ज के तहत अदा करनी होगी. बता दें कि केजरीवाल सरकार लगातार केंद्र सरकार पर महंगा कोयला देने का आरोप लगा रही है.

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने सरकार बनने के बाद राजधानी दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, इसी के तहत दिल्ली में मुफ्त बिजली की योजना लागू है. इसके तहत जिन परिवारों का बिजली खर्च 200 यूनिट या उससे कम होता है, उन्हें बिजली बिल नहीं देना होता है. हालांकि 200 यूनिट से अधिक खर्च करने वाले परिवारों का बिजली बिल अलग-अलग टैरिफ के मुताबिक आता है.

कई कंपनियों का बढ़ेगा टैरिफ चार्ज

डीईआरसी के इस फैसले से अलग-अलग कंपनियों का चार्ज बढ़ने जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, BYPL के उपभोक्ताओं को 9.42 फीसदी, BRPL के ग्राहकों को 6.39 फीसदी अधिक टैरिफ देना होगा. इतना ही नहीं एनडीएमसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को 2 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ का भुगतान करना होगा. बिजली बिल बढ़ाने वाले फैसले के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं, लेकिन राज्य सरकार लगातार दावा कर रही है कि मुफ्त बिजली प्राप्त करने वाले लोगों पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा.

ध्यान देने वाली बात है कि बिजली बिल के दाम से जुड़ा ये मामला कई दिनों से पेंडिंग था. बिजली कंपनियों द्वारा DERC के आगे टैरिफ बढ़ाने की अपील की थी, जिसे आयोग ने स्वीकार किया है. आयोग के फैसले से इतर दिल्ली सरकार में बिजली मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार पर साजिश का आरोप लगाया है. आतिशी का कहना है कि केंद्र की नीतियों की वजह से कोयला महंगा हुआ है, उन्हें बाहर से कोयला मंगाना पड़ रहा है यही वजह है कि राजधानी में बिजली के दाम बढ़े हैं.

एक तरफ आम आदमी पार्टी केंद्र पर हमलावर है, तो वहीं भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना का कहना है कि दिल्ली सरकार और बिजली कंपनी की मिलीभगत की वजह से दिल्ली की बिजली की दरें बढ़ी हैं. उन्होंने अरविंद केजरीवाल और बिजली कंपनियों का रिश्ता पूछा है. इसी मामले पर कुछ दिन पहले ही केंद्रीय ऊर्जामंत्री आरके सिंह का बयान सामने आया था, उन्होंने कहा था कि बिजली आपूर्ति और उससे जुड़े कामों के लिए 650 लाख करोड़ का खर्च हर साल होता है. लेकिन प्रदेश सरकारों द्वारा सब्सिडी के लिए लिए जाने वाले लोन की वजह से कई बार विकास की योजनाएं बाधित भी होती हैं.

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