Axiom 4 Mission: मैं बहुत सो रहा हूं... शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष से आया नमस्कार, Video

Axiom 4 Mission - मैं बहुत सो रहा हूं... शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष से आया नमस्कार, Video
| Updated on: 26-Jun-2025 02:04 PM IST

Axiom 4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में अपनी पहली रात सफलतापूर्वक गुजार ली है। Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे शुक्ला ने गुरुवार सुबह एक वीडियो संदेश भेजकर पूरे देश को “अंतरिक्ष से नमस्कार” कहा। इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर पूरे भारत में उत्साह की लहर दौड़ गई है।

अंतरिक्ष से पहला संदेश: “यह एक शानदार राइड थी”

वीडियो संदेश में मुस्कुराते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा, “अंतरिक्ष में चहलकदमी करना और खाना-पीना, एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं। मैं बहुत सो रहा हूं। यह एक छोटा कदम है, लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में यह एक स्थिर और ठोस कदम है।” शुक्ला ने इस अनुभव को “शानदार राइड” बताया और कहा कि 30 दिनों के क्वारंटाइन के बाद स्पेस में जाना उनके लिए एक रोमांचकारी अनुभव रहा।

उन्होंने आगे कहा, “मैं उस हर इंसान को शुक्रिया कहना चाहता हूं जो इस मिशन का हिस्सा रहे हैं। यह मेरे अकेले की कामयाबी नहीं है, मेरे परिवार और दोस्तों का योगदान भी इसमें शामिल है।”

साथ दिखा ‘ज्ञान का प्रतीक’ – हंस

वीडियो में एक खास दृश्य ने सभी का ध्यान खींचा — शुभांशु शुक्ला के साथ एक नन्हा सॉफ्ट टॉय ‘हंस’ नजर आया। उन्होंने बताया कि “भारतीय संस्कृति में हंस ज्ञान का प्रतीक है। यह टॉय मुझे याद दिलाता है कि मैं यहां केवल विज्ञान के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा की समझ के साथ हूं।”

तिरंगा और भारतीयता का भाव

शुक्ला ने यह भी साझा किया कि अंतरिक्ष स्टेशन की ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने अपने कंधे पर भारतीय तिरंगा रखा था। उन्होंने कहा, “उस तिरंगे ने मुझे एहसास दिलाया कि मैं अकेला नहीं हूं, मेरे साथ 140 करोड़ भारतीय हैं जो मेरी इस यात्रा का हिस्सा हैं।”

41 वर्षों बाद भारत फिर अंतरिक्ष में

शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि राकेश शर्मा के 1984 में अंतरिक्ष जाने के 41 साल बाद यह भारत की अगली बड़ी मानव अंतरिक्ष उपलब्धि है। लॉन्च के एक घंटे बाद भेजे गए एक और संदेश में शुक्ला ने बताया, “हम 7.5 किमी प्रति सेकंड की स्पीड से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे प्यारे देशवासियों, हम 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचे हैं। यह एक शानदार यात्रा थी।”

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