Ram Mandir Ayodhya: जब मन करेगा तब राम मंदिर जाऊंगा... निमंत्रण की जरूरत नहीं- सचिन पायलट
Ram Mandir Ayodhya - जब मन करेगा तब राम मंदिर जाऊंगा... निमंत्रण की जरूरत नहीं- सचिन पायलट
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर दर्शन के लिए जाने के सवाल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि राम मंदिर जाने के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है. मेरा जब मन होगा, मैं जाऊंगा. देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों में उनके साथी जाते रहते हैं. यह धार्मिक मुद्दा है. इस पर राजनीति करना गलत है. हम सब भगवान राम को मानते हैं और मानते रहेंगे, लेकिन बीजेपी जिस तरह लाभ लेना चाहती है, वह गलत है. बुधवार को सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे.उन्होंने कहा कि आपको राजनीति करनी है तो मुद्दों पर करें. गरीब, किसान, मजदूर, आर्थिक नीतियों पर, महंगाई कम कैसे हो, उस पर राजनीति करें. उन्होंने कहा कि देश में 80 करोड़ लोगों को आप सस्ता भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. आप कह रहे हैं कि हम बहुत ज्यादा विकसित हो गए हैं. भाजपा कुछ काम करें तो श्रमदान है. योगदान है. अच्छी नीति है और बाकी पार्टियां करें तो वह रेवड़ी है. मुद्दों पर चर्चा हो, मुद्दों पर चुनाव हो, हम सब इसके लिए तैयार हैं. भावनात्मक मुद्दों पर राजनीति करके वोट बंटोरने के लिए जो किया जा रहा है, वह गलत है. मुझे नहीं लगता कि उससे बहुत फर्क पड़ेगा.मंत्रियों के विभागों में बंटवारे पर खींचतानसचिन पायलट पायलट ने कहा कि मंत्रियों को विभाग बांटना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. किस मंत्री को क्या विभाग देना है, यह सीएम का अधिकार है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जिन्होंने 5 साल भाजपा के लिए संघर्ष किया, उनके साथ न्याय नहीं किया गया.उन्होंने कहा कि लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि बड़ा पद देंगे, लेकिन पद भी नहीं दिया और जो विभाग दिया वह भी काट-छांट करके बहुत सीमित (कृषि विभाग) कर दिया है. उसमें बाकी डिपार्टमेंट नहीं दिए. यह निर्णय सरकार और बीजेपी का है, लेकिन जो बाहर से हमें दिखता है कि जो मेहनत उन्होंने अपनी पार्टी के लिए की थी उनके साथ न्याय नहीं हुआ.मंत्रियों के बयान पर पायलट ने कसा तंजपायलट ने कहा कि बीजेपी सरकार में मंत्री बने, उन्हें बनने में बहुत देर लगी है. हो सकता है कुछ तनाव में हों. मंत्रियों के बयान पर उन्होंने कहा कि बड़े पदों पर बैठे लोगों को सोच-समझ कर बयान देना चाहिए. अभी बहुत से ऐसे मामले सामने आए हैं, जो बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों की जुबान फिसली है. गलत बातें बोल गए हैं. उनको ध्यान रखना चाहिए. सरकार नई-नई बनी है. अभी उनको बहुत कुछ करना बाकी है और शुरुआत में दिक्कतें पैदा हो रही है.