Cryptocurrency TAX: क्रिप्टोकरेंसी से कमाई करते हैं तो कितना देना होगा टैक्स- समझ लें ये गणित

Cryptocurrency TAX - क्रिप्टोकरेंसी से कमाई करते हैं तो कितना देना होगा टैक्स- समझ लें ये गणित
| Updated on: 24-Dec-2024 10:20 AM IST
Cryptocurrency TAX: क्रिप्टोकरेंसी का चलन पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है, और भारत भी इस वैश्विक प्रवृत्ति से अछूता नहीं है। बिटकॉइन, एथेरियम, लाइटकॉइन, डॉजकॉइन जैसी डिजिटल करेंसीज़ ने निवेशकों को आकर्षित किया है, जिनमें से कुछ ने भारी मात्रा में इन्वेस्टमेंट भी किया है। हालांकि, भारतीय सरकार ने इन डिजिटल एसेट्स के प्रति अपनी नीति स्पष्ट कर दी है, जिससे निवेशकों को अब यह समझने की जरूरत है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर उन्हें किस प्रकार टैक्स देना होता है।

क्रिप्टोकरेंसी और भारत का टैक्स कानून

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को “वर्चुअल डिजिटल एसेट्स” (VDA) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और 2022 के बजट में सरकार ने स्पष्ट रूप से इसकी स्थिति को परिभाषित किया है। अब, अगर आप क्रिप्टोकरेंसी को बेचकर लाभ कमाते हैं, तो उस पर टैक्स देना अनिवार्य है। 2022 के बजट में सरकार ने इस पर 30% टैक्स लगाने का निर्णय लिया था, जो क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली किसी भी आय पर लागू होता है।

टैक्स का गणित

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी को बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं, तो उस पर 30% टैक्स लागू होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹1,00,000 में क्रिप्टो खरीदी और ₹1,50,000 में बेची, तो आपके पास ₹50,000 का लाभ होगा। इस लाभ पर आपको 30% टैक्स (₹15,000) देना होगा।

इसके अतिरिक्त, 1 जुलाई 2022 से 1% TDS (Tax Deducted at Source) भी लागू कर दिया गया है। यह टैक्स क्रिप्टो के लेन-देन पर कटेगा। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में ₹50,000 से अधिक का लेन-देन करते हैं, तो आपको TDS देना होगा।

माइनिंग और एयरड्रॉप्स पर टैक्स

क्रिप्टो माइनिंग भी अब टैक्स के दायरे में है। माइनिंग से जो क्रिप्टो प्राप्त होती है, उस पर 30% टैक्स लगता है, लेकिन माइनिंग में हुए खर्च को किसी तरह की कटौती के रूप में नहीं माना जाता। इसी प्रकार, अगर आपको किसी एयरड्रॉप से मुफ्त में क्रिप्टो मिलती है, और वह एक्सचेंज पर ट्रेड होती है, तो उस पर भी 30% टैक्स लगेगा।

गिफ्ट में मिले क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स

अगर आपको क्रिप्टोकरेंसी किसी गिफ्ट के रूप में मिलती है और उसकी मूल्य ₹50,000 से अधिक है, तो उसे आपकी आय के रूप में माना जाएगा, और उस पर 30% टैक्स लागू होगा। हालांकि, यदि क्रिप्टोकरेंसी किसी रिश्तेदार से गिफ्ट के रूप में मिलती है, तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। यह गिफ्ट की प्रकृति पर निर्भर करता है कि वह टैक्स योग्य है या नहीं।

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और VDA रिपोर्टिंग

क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली सभी आय, चाहे वह ट्रेडिंग हो, माइनिंग हो, एयरड्रॉप्स हो या गिफ्ट हो, उन पर टैक्स नियम लागू होते हैं। इसके अलावा, आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में इन्हें "वर्चुअल डिजिटल एसेट्स" (VDA) के तहत रिपोर्ट करना होगा। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी क्रिप्टो आय को सही तरीके से टैक्स के दायरे में रखा जाए।

निष्कर्ष

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट हो चुका है, और अब निवेशकों को अपनी आय पर टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सरकारी नीति में कुछ जटिलताएँ हो सकती हैं, लेकिन सही जानकारी और नियमों का पालन करके इस नए वित्तीय युग में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

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