Pakistan News: इमरान खान की जेल स्थिति पर PAK संसद में हंगामा, PTI ने शहबाज सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

Pakistan News - इमरान खान की जेल स्थिति पर PAK संसद में हंगामा, PTI ने शहबाज सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
| Updated on: 27-Nov-2025 10:26 PM IST
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में बंद स्थिति को लेकर देश में राजनीतिक तनाव चरम पर है। शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार और रावलपिंडी की अडियाला जेल के अधिकारी लगातार यह दावा कर रहे हैं कि इमरान खान पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें जेल में सभी आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं। हालांकि, इमरान खान का परिवार और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) इन सरकारी बयानों को मानने को तैयार नहीं है और उनका आरोप है कि सरकार इमरान खान की वास्तविक स्थिति को छिपा रही है और उन्हें उनके परिवार तथा वकीलों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

इमरान खान की कैद का घटनाक्रम

इमरान खान को अगस्त 2023 से अडियाला जेल में बंद किया गया है और उन्हें नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) द्वारा अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। पीटीआई का दावा है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और इमरान खान को उनकी बढ़ती लोकप्रियता को दबाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यह सब एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है जिसका उद्देश्य इमरान खान को सार्वजनिक जीवन से दूर रखना है। दूसरी ओर, शहबाज शरीफ सरकार इन आरोपों को सही ठहराती है। और दावा करती है कि कानून अपना काम कर रहा है।

स्वास्थ्य और मुलाकात पर विरोधाभासी दावे

जेल प्रशासन और सरकार का कहना है कि इमरान खान अडियाला जेल में एक 'मोस्ट VIP कैदी' के रूप में रह रहे हैं और उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और गृह मंत्री तलाल चौधरी ने संसद में बताया कि इमरान खान को व्यक्तिगत रसोइया, एक डॉक्टर और व्यायाम मशीन जैसी विशेष सुविधाएं मिल रही हैं। इसके विपरीत, इमरान खान का परिवार और पीटीआई लगातार उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और वे दावा करते हैं कि इमरान खान को एकांत कारावास में रखा गया है और पिछले तीन हफ्तों से उनके परिवार या वकीलों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई है। पीटीआई का आरोप है कि सरकार जानबूझकर उनकी हालत छिपा रही है और उन्हें उनके कानूनी अधिकारों से वंचित कर रही है।

नेशनल असेंबली में तीखी बहस

इमरान खान का मामला गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भी गूंजा, जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ। पीटीआई सांसद फैसल जावेद ने संसद में यह सवाल उठाया कि इमरान खान को एकांत कारावास में क्यों रखा गया है। उन्होंने सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग की और कहा कि यह अस्वीकार्य है। कि एक पूर्व प्रधानमंत्री को उनके परिवार से मिलने की अनुमति न दी जाए। फैसल जावेद ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी की मुख्य मांग है कि अगले 24 घंटों के भीतर इमरान खान को उनके परिवार से मिलने दिया जाए और इस मांग पर गृह मंत्री तलाल चौधरी ने नियमों का हवाला देते हुए जवाब दिया, जिससे सदन में विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित हो गई।

सरकार का रुख और सुविधाओं का दावा

गृह मंत्री तलाल चौधरी ने नेशनल असेंबली में पीटीआई के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इमरान खान को जेल में किसी भी अन्य कैदी की तुलना में कहीं अधिक सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने दोहराया कि इमरान खान एक 'मोस्ट VIP कैदी' हैं और उन्हें व्यक्तिगत रसोइया, एक निजी डॉक्टर और व्यायाम के लिए मशीनें जैसी विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं। चौधरी ने यह भी कहा कि जेल के नियम और कानून सभी कैदियों पर समान रूप से लागू होते हैं, लेकिन इमरान खान को उनकी पूर्व प्रधानमंत्री की स्थिति के कारण अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने पीटीआई के दावों को 'नाटक' करार दिया और कहा कि सरकार कुछ भी नहीं छिपा रही है।

पीटीआई का खंडन और 24 घंटे का अल्टीमेटम

गृह मंत्री के बयान के बाद भी पीटीआई ने अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया। पार्टी ने सरकार के दावों को 'नाटक' करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार इमरान खान की वास्तविक शारीरिक और मानसिक स्थिति को छिपाने की कोशिश कर रही है और पीटीआई ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अगले 24 घंटों के भीतर इमरान खान को उनके परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी गई, तो पार्टी पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी। यह अल्टीमेटम पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा सकता है,।

क्योंकि पीटीआई के पास देश भर में एक मजबूत जनसमर्थन आधार है। पीटीआई का मानना है कि इमरान खान के खिलाफ अल-कादिर ट्रस्ट मामला और उनकी जेल में स्थिति, उनकी लोकप्रियता को कम करने और उन्हें राजनीतिक परिदृश्य से हटाने की एक सुनियोजित कोशिश है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वे इमरान खान की रिहाई तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे। यह स्थिति पाकिस्तान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गई है, जहां सरकार और विपक्ष के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। 24 घंटे का अल्टीमेटम एक निर्णायक क्षण हो सकता है, जिसके बाद देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक। उथल-पुथल देखने को मिल सकती है, यदि सरकार पीटीआई की मांगों को पूरा करने में विफल रहती है।

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