Pakistan News: इमरान की हुई गिरफ्तारी और नवाज की हुई घर वापसी, कैसे बदली पाकिस्तान की सियासत

Pakistan News - इमरान की हुई गिरफ्तारी और नवाज की हुई घर वापसी, कैसे बदली पाकिस्तान की सियासत
| Updated on: 11-Dec-2023 08:36 AM IST
Pakistan News: पिछले एक साल (2023) से पाकिस्तान की सियासत फिल्म की तरह चल रही है. इसमें एक्शन, सस्पेंस, ड्रामा सब कुछ है. कहां ये उम्मीद थी कि यहां आम चुनाव के पहले पाकिस्तान मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल से बाहर निकल जाएगा. लेकिन यहां न तो राजनीतिक संग्राम थमा और न ही अभी तक चुनाव हो पाए. फिलहाल साल 2023 में जो दो बड़े सियासी बदलाव हुए हैं, उसमें सबसे महत्वपूर्ण इमरान खान की गिरफ्तारी और नवाज शरीफ की वतन वापसी है. ये दो बड़ी घटनाएं आने वाले चुनाव में पाकिस्तान की सियासी भविष्य को तय करेंगी.

दरअसल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी इस साल की एक बड़ी घटना थी. क्योंकि इमरान की गिरफ्तारी होते ही पाकिस्तान जल उठा था. देशभर में इमरान खान के समर्थकों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. कई शहरों में आगजनी और तोड़-फोड़ की घटनाएं भी हुईं. जिसमें लोगों की मौत हुई, तमाम लोग घायल भी हुए और हजारों लोगों की गिरफ्तारी भी की गई.

पाकिस्तान का डार्क चैप्टर

बता दें कि इमरान खान कई महीनों से पाकिस्तान की तत्कालीन हुकूमत के खिलाफ जमकर बोल रहे थे. आखिरकार 9 मई, 2023 की शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी से लेकर पाकिस्तान में जो बवाल मचा, वो पहले शायद ही कभी यहां हुआ हो. यहां तक कि पाकिस्तानी सेना ने 9 मई को हुए प्रदर्शन को डार्क चैप्टर बताया था.

वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर हमला बोलते हुए कहा था कि सियासत में बदले का अंजाम अच्छा नहीं होता. शरीफ ने कहा था कि इमरान खान ने देश में कानून की धज्जियां उड़ाईं हैं. उन्होंने 60 अरब का घोटाला किया. उन्होंने कहा था कि देश के खिलाफ जो काम दुश्मन ने नहीं किया, वो काम पीटीआई ने कर दिया.

पांच साल के लिए अयोग्य घोषित

इमरान समर्थकों ने तमाम आला अधिकारियों के आवास से लेकर सेना मुख्यालय तक में तोड़फोड़ और आगजनी की थी. तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कोर्ट ने अगस्त में दोषी ठहराया था और सजा सुनाई थी. इसके बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया.

गोहर अली खान बने पीटीआई के नए अध्यक्ष

फिलहाल पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जगह बैरिस्टर गोहर अली खान को पीटीआई का नया अध्यक्ष चुना लिया गया है. चुनाव आयोग के आदेश के बाद पार्टी के अंदर चुनाव कराए गए थे. इस पद के लिए गौहर खान को खुद इमरान खान ने ही नॉमिनेट किया था.

नवाज शरीफ की घर वापसी

वहीं पाकिस्तान में अब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वापसी के बाद सियासत गरमा गई है. ऐसे में इमरान खान ने आशंका जताई कि उन्हें जेल में स्लो पॉइजन देकर जान से मारने की कोशिश की जा सकती है. इमरान ने कहा कि ऐसा उनके साथ इसलिए किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने देश छोड़ने से मना कर दिया था.

बता दें कि नवाज शरीफ ब्रिटेन में चार साल रहने के बाद 21 अक्टूबर को दुबई के रास्ते पाकिस्तान लौटेे. उनकी एंट्री ऐसे में समय हुई है, जब अगले कुछ महीनों में आम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में नवाज शरीफ की घर वापसी का असर पाकिस्तान की सियासत पर भी देखने को मिलेगा. क्योंकि उनके कट्टर विरोधी इमरान खान तोशखाना मामले में जेल में बंद हैं.

पाकिस्तान में आम चुनाव

माना जा रहा है कि पाकिस्तान में फरवरी 2024 के बीच पाकिस्तान में आम चुनाव कराए जा सकते हैं. हालांकि फिलहाल पाकिस्तान की बागडोर केयर टेकर प्रधानमंत्री के हाथों में है. वहीं नवाज शरीफ की बात करें तो चार साल बाहर रहने के बाद भी उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन की सियासी पकड़ कमजोर नहीं हुई है. नवाज शरीफ की गैरमौजूदगी के बावजूद बेटी मरियम नवाज और भाई शहबाज शरीफ ने ताकतवर नेता इमरान खान को सत्ता से बाहर करके पार्टी की सत्ता में वापसी कराई थी. वहीं पाकिस्तान की मौजूदा हालत में नवाज शरीफ बिल्कुल फिट बैठते हैं.

इमरान खान की एंट्री

जानकारी के मुताबिक नवाज शरीफ को पाकिस्तान की अदालत ने अल-अजीजिया मिल्स और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी. इससे पहले 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सैलरी का ऐलान नहीं करने के कारण आजीवन अयोग्य ठहरा दिया था. इसी के बाद शरीफ ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और देश की सियासत में इमरान खान की एंट्री हुई थी. वहीं जेल में बंद नवाज शरीफ ने 2019 में स्वास्थ्य का हवाला देते हुए लंदन जाने की अनुमति मांगी थी. इस पर लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह के लिए लंदन जाने की अनुमति दी. लेकिन वह चार सप्ताह के बजाय लंदन से चार साल बाद वापस लौटे.

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