जयपुर: बाल संप्रेषण गृह में मोबाइल तलाशने गई थी टीम, मौका पाकर दीवार में बने सुराख से भागे तीन बाल अपचारी

जयपुर - बाल संप्रेषण गृह में मोबाइल तलाशने गई थी टीम, मौका पाकर दीवार में बने सुराख से भागे तीन बाल अपचारी
| Updated on: 11-Jul-2019 04:55 PM IST
जयपुर. शहर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में बाल संप्रेक्षण गृह में रह रहे तीन बाल अपचारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर एक दीवार में बने सुराख से भाग निकले। गुरुवार को बाल अपचारियों को गायब देखकर महकमे में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर एसीपी आदर्श नगर पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, ट्रांसपोर्ट नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंचे। शहर में नाकाबंदी करवाई गई। स्पेशल टीमें गठित कर संभावित स्थानों पर भेजा गया। 

एसीपी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बाल संप्रेषण गृह से भागने वाले तीनों बाल अपचारी गंभीर अपराधों में निरुद्ध होने के बाद यहां रह रहे थे। गुरुवार को जेलर को यह सूचना मिली थी कि यहां बच्चों के पास मोबाइल फोन है। तब मोबाइल चेक करने के लिए बाल अपचारियों को दूसरे नवनिर्मित बाड़े में डाल रहे थे। उसमें बाथरुम के एक जगह बनी हुई है।

जहां से तीनों बच्चे सुराख से बाहर निकलकर भाग निकले। जब बाकी बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं मिले। उन्हें वापस बाड़े में शिफ्ट कर रहे थे। तब उन्हों जमकर उत्पात मचाया। वहां तोड़फोड़ कर दी। तब सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। इस बीच कुछ अन्य बाल अपचारियों ने दीवार तोड़कर भागने का प्रयास किया। लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। 

बताया जा रहा है कि बालअपचारियों ने संप्रेषण गृह के पिछले हिस्से में बाथरुम के पास करीब डेढ़ फीट मोटी चूने मिट्‌टी की दीवार में सुराख किया हुआ था। यहां की बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की कमान बॉर्डर होमगार्ड के हाथों में है। लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। एसीपी के अनुसार इस बाल संप्रेषण गृह में जेजे एक्ट की कठोरता से पालना नहीं हो रही थी। यहां 12 साल से 27 साल तक के अपचारी साथ रहे थे।

बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों ने बाल अपचारियों को सुराख से निकलकर भागते देखकर हल्ला मचाया। लेकिन इन तीनों बालअपचारियों ने पत्थर फेंके और तेजी से वहां से भाग निकले। तब संप्रेषण गृह के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी। बाल संप्रेषण गृह से बाल अपचारियों से भागने की यह पहली वारदात नहीं है। इससे पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है।

कभी बाथरुम, रसोई की खिड़की हटाकर तो कभी एडजॉस्ट फैन को हटाकर इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। हर बार सुरक्षा व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर सवाल उठते है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसकी वजह से यहां हर बार इस तरह की वारदात होती है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में यहां करीब 120 बाल अपचारी रह रहे है। एसीपी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि यहां की लापरवाही के बारे में वे रिपोर्ट तैयार कर संबंधित विभाग को भिजवाएंगे।

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