बीवीजी कंपनी को हटाने की तैयारी में नगर निगम: बार-बार हड़ताल से बिगड़ते शहर के हालात को देखते हुए ग्रेटर प्रशासन ने शुरू की तैयारियां; हाईकोर्ट में लगा स्टे भी हटा
बीवीजी कंपनी को हटाने की तैयारी में नगर निगम - बार-बार हड़ताल से बिगड़ते शहर के हालात को देखते हुए ग्रेटर प्रशासन ने शुरू की तैयारियां; हाईकोर्ट में लगा स्टे भी हटा
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Updated on: 02-Mar-2022 03:52 PM IST
जयपुर नगर निगम में बिगड़ती सफाई व्यवस्था से सरकार की किरकिरी हो रही है। निगम प्रशासन बीवीजी कंपनी पर बड़े एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। नगर निगम ग्रेटर प्रशासन भी अब नगर निगम हेरिटेज की तरह डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम अपने स्तर पर शुरू करवा सकता है।कंपनी के कर्मचारियों की ओर से बार-बार हड़ताल करने और शहर में ठीक से काम नहीं होने की लगातार शिकायतों को देखते हुए यह निर्णय किया है। नगर निगम ग्रेटर की ओर से पिछले कुछ दिनों पहले से बैठकों का दौर भी चल रहा है। जिसमें इस बात पर चर्चा की जा रही है कि कैसे नगर निगम बीवीजी को हटाने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था कर सकता है।जयपुर शहर में घर-घर से काम उठाने का काम यही कंपनी कर रही है। इसी कंपनी की वजह से मौजूदा मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर को रिश्वत के आरोपों में 94 दिन जेल में रहने पड़ा था। वहीं, अब पिछले करीब एक सप्ताह से जयपुर शहर की जनता को कचरा नहीं उठने से परेशानी हो रही है।6 दिन से शहर में नहीं आए हूपरकरीब 14 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं होने के कारण कंपनी के कर्मचारियों ने जयपुर में काम बंद कर दिया है। इसके कारण जयपुर शहर में पिछले 5 दिनों से हूपर कचरा लेने घरों पर नहीं आए। लोग मजबूरन अब सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं। जिससे शहर की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। इसे देखते हुए नगर निगम ने सफाई के लिए अब खुद के संसाधन लगाने शुरू कर दिए है।एक साल पहले हटाने का प्रस्ताव किया था पासनगर निगम ग्रेटर ने पिछले साल 28 जनवरी 2021 को बीवीजी का करार रद्द करके वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रस्ताव साधारण सभा में पारित किया था, लेकिन कंपनी ने इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस साल 2 फरवरी को फैसला सुनाते हुए बीवीजी कंपनी के राहत देने से मना कर दिया। नगर निगम उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने भी पिछले दिनों नगर निगम आयुक्त को एक नोटशीट लिखकर निगम के स्तर पर संसाधन लगाकर सफाई व्यवस्था करवाने के लिए कहा था।कंपनी की वजह से हुई थी मेयर सौम्या गुर्जर की किरकिरीबीवीजी कंपनी से 20 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के वीडियो वायरल होने के मामले में ही मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर को जेल जाना पड़ा था। इस वीडियो में आरएसएस के प्रचारक निम्बाराम भी बातचीत करते नजर आए थे। इस पूरे मामले के बाद जबरदस्त सियासी बवाल मचा था। भाजपा के लोग इसे सीएसआर फंड के लिए करवाए जाने वाले कार्यो की चर्चा का वीडियो बता रहे थे, जबकि कांग्रेसी इस वीडियो को खुलेआम रिश्वत मांगने वाला बता रहे थे। एसीबी ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राजाराम गुर्जर के अलावा कंपनी के प्रतिनिधि ओंकार सप्रे को भी गिरफ्तार किया था।छोटे-छोटे लेवल पर दे रखा है ठेकावर्तमान में बीवीजी कंपनी ने अपने काम को छोटे-छोटे स्तर पर सबलेट कर रखा है। कंपनी ने 1100 रुपए से 1200 रुपए मीट्रिक टन के हिसाब से कचरा उठाने का काम यहां के छोटे-छोटे वैंडर्स को दे रखा है, जबकि कंपनी खुद नगर निगम से 1800 मीट्रिक टन की दर से पैसा लेती है। कंपनी ने वर्तमान में जयपुर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए करीब 320 गाड़ियां (हूपर) लगा रखे है, जो 150 वार्डो में कचरा कलेक्शन करती है। यानी हर वार्ड में 2 गाड़ियां भी पूरी तरह कचरा उठाने के लिए नहीं लगा रखी।
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