किसान रेल का शुभारंभ: किसानों को ज्यादा संपन्न बनाने की दिशा में एक कदम है किसान रेल : पीयूष गोयल

किसान रेल का शुभारंभ - किसानों को ज्यादा संपन्न बनाने की दिशा में एक कदम है किसान रेल : पीयूष गोयल
| Updated on: 07-Aug-2020 11:03 PM IST
नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केन्द्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर ‘देवलाली-दानापुर किसान रेल’ का शुभारम्भ किया। पीयूष गोयल इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आम बजट, 2020-21 में दूध, मांस और मछली सहित जल्द सड़ने वाले खाद्य पदार्थों की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने की घोषणा की थी और यह भी कहा गया था कि भारतीय रेल पीपीपी व्यवस्था के माध्यम से किसान रेल की शुरुआत करेगी।


इस अवसर पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान रेल से मामूली लागत पर किसानों की फसल की देश के विभिन्न हिस्सों तक ढुलाई में सहायता मिलेगी, इससे किसानों को फायदा होगा और इससे प्रधानमंत्री के वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के विजन को हासिल करने में भी सहायता मिलेगी। श्री तोमर ने जल्द सड़ने वाले सामानों की ढुलाई पर विशेष जोर के साथ समयबद्ध तरीके से परिवहन नेटवर्क को मजबूत बनाने को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि परिवहन की अनुपलब्धता के चलते किसानों को अपनी कृषि उपज के लिए लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने कोविड महामारी के इस मुश्किल दौर में किसान रेल शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय के प्रयासों की भी सराहना की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि और पशुपालन क्षेत्र में सड़ने वाले उत्पादों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्बाध कोल्ड आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के द्वारा किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। किसान रेल के द्वारा किसानों की इस बुनियादी जरूरत को पूरा करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि कोविड लॉकडाउन के दौरान भी कृषक गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ा। साथ ही रबी फसलों की कटाई और ग्रीष्मकालीन व खरीफ फसलों के बुआई की प्रगति संतोषजनक रही है।


पीयूष गोयल ने कहा कि 1853 में बोरी बंदर से ठाणे के लिए पहली ट्रेन चलाई गई थी और अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा 2020 में पहली किसान रेल का संचालन किया जा रहा है। सरकार ने पीएम किसान योजना का शुभारम्भ किया है, जिसमें किसानों के परिवार को 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं और किसानों की आय दोगुनी करने के क्रम में कई अन्य योजनाएं/ कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।


रेल मंत्रालय खाद्य आपूर्ति श्रृंखला बढ़ाने पर भी काम कर रही है, जिससे किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिल सके।


उद्घाटन समारोह के दौरान केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी, केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्जनिक वितरण राज्य मंत्री राव साहेब दानवे, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता सुरक्षा मंत्री छगन भुजबल उपस्थित रहे। इस अवसर पर पर सचिव (एसीएंडएफडब्ल्यू), सदस्य यातायात (रेल मंत्रालय) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय के अन्य अधिकार उपस्थित थे।


देश के किसान समुदाय की सेवा के क्रम में, किसान रेल मल्टी कमोडिटीज, मल्टी कंसाइनर्स और मल्टी कंसाइनीज के तहत ढुलाई करेगी। ये ट्रेनें रूट पर पड़ने वाले स्टॉपेज के साथ मूल स्थान-गंतव्य तक जोड़ी में परिचालित होंगी, साथ ही इस पर रूप पर पड़ने वाले सभी स्टॉपेज से लोडिंग/ अपलोडिंग की अनुमति होगी। ट्रेनों के मूल स्थान- गंतव्य, रूटों, स्टॉपेज और ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी का फैसला कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और रेल मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। भारतीय रेल इस क्रम में ही ट्रेन चलाने की योजना बनाएगी।


सामान की ढुलाई की व्यवस्था का समन्वय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाएगा, जिसमें एफपीओ के माध्यम से कंसाइनेंट का एकीकरण, तापमान नियंत्रित स्टोरेज की स्थापना आदि शामिल है। एमओएएंडएफडब्ल्यू द्वारा एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर में स्टार्टअप्स, नए एफपीओ को प्रोत्साहन दिया जाएगा और एकीकरण के माध्यम से पुराने एफपीओ को मजबूत बनाए जाएगा। मंत्रालय मौसमी फसल के साथ ही किसान विशेष रूट पर उत्पादन केन्द्रों का विवरण उपलब्ध कराएगा। एमओएएंडएफडब्ल्यू को सुनिश्चित करना होगा कि मंडियों, किसान सहकारी समितियों, एनजीओ आदि सभी हितधारकों तक किसान रेल से संबंधित सूचनाओं का प्रसार हो जाए। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पर्याप्त बैक-एंड बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे।

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