देश: समुद्र में भी चीन की हर चाल को ध्वस्त करेगा भारत, 6 पनडुब्बियों के निर्माण की मिली मंजूरी

देश - समुद्र में भी चीन की हर चाल को ध्वस्त करेगा भारत, 6 पनडुब्बियों के निर्माण की मिली मंजूरी
| Updated on: 05-Jun-2021 09:48 AM IST
नई दिल्ली | अब समूद्र के भीतर भी दुश्मनों के नापाक मंसूबों को पानी फेरने को भारत ने अपनी ताकत और बढ़ाने की तैयारी कर ली है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए करीब 43,000 करोड़ रुपये की लागत से छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। चीन की तेजी से बढ़ती नोसैन्य क्षमताओं के मद्देनजर भारत की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। रक्षा खरीद परिषद (डीएएसी) ने परियोजना के लिए अनुरोध पत्र या निविदा जारी करने को मंजूरी दे दी। रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत यह पहली खरीद होगी।

आयात पर निर्भरता घटाने के लिए ये पनडुब्बियां उस रणनीतिक साझेदारी के तहत बनाई जाएंगी जो घरेलू रक्षा उपकरण निर्माताओं को विदेशों की रक्षा निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों के साथ साझेदारी में अत्याधुनिक सैन्य मंच बनाने की अनुमति देता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए करीब 6800 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न सैन्य हथियारों और उपकरणों की खरीद संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।

रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में 'पी-75 इंडिया' नाम की इस परियोजना को अनुमति देने का निर्णय लिया गया। डीएसी खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है। मंत्रालय ने नौसैन्य परियोजना के बारे में बताया, 'इस परियोजना में 43,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक प्रणोदन प्रणाली से युक्त छह पारंपरिक पनडुब्बियों का देश में निर्माण किया जाएगा।'

एक बयान में कहा गया, 'रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत पहले मामले के तौर पर यह महत्वपूर्ण मंजूरी है। यह सबसे बड़ी 'मेक इन इंडिया परियोजनाओं में से एक होगी और भारत में पनडुब्बी के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी और औद्योगिक ढांचे को बढ़ावा मिलेगा।' मंत्रालय ने कहा कि परियोजना से आयात पर निर्भरता घटेगी और देशी स्रोतों से आपूर्ति पर निर्भरता बढ़ेगी और आत्मनिर्भर होने में मदद मिलेगी।

बयान में कहा गया 'इस मंजूरी के साथ, देश पनडुब्बी निर्माण में राष्ट्रीय क्षमता हासिल करेगा। इसके साथ ही, भारतीय उद्योग के लिए देश में पनडुब्बियों के डिजाइन, निर्माण के संबंध में सरकार द्वारा परिकल्पित 30 वर्षीय पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत घरेलू रक्षा निर्माताओं को अत्याधुनिक सैन्य उपकरण तैयार करने के संबंध में आयात पर निर्भरता घटाने के लिए अग्रणी विदेशी रक्षा कंपनियों से हाथ मिलाने की अनुमति होगी।'

अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना 12 वर्ष की अवधि में लागू की जाएगी और रडार को चकमा देने में सक्षम पनडुब्बियों में हथियारों की जो प्रणालियां शामिल की जाएगी उसके अनुरूप अंतिम लागत में इजाफा हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि डीएसी ने पोत निर्माता लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) और सरकारी उपक्रम माझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) को अनुरोध पत्र या निविदा जारी करने को मंजूरी दे दी। परियोजना के लिए ये दोनों कंपनियां किस विदेशी कंपनी के साथ हाथ मिलाना चाहती हैं यह उनका अपना फैसला होगा। इसके लिए पांच विदेशी कंपनियों रोसोबोरोनेएक्सपोर्ट (रूस), दाईवू (दक्षिण कोरिया), थायसीनक्रूप मरीन सिस्टम (जर्मनी), नवंतिया (स्पेन) और नेवल ग्रूप (फ्रांस) की सूची बनायी गयी है।

ऐसी उम्मीद है कि आरएफपी महीनेभर के भीतर जारी हो जाएगा तथा उस पर एल एंड टी तथा एमडीएल के जवाब का विस्तार से आकलन करने के बाद इसका ठेका दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय और नौसेना के अलग-अलग दल इस परियोजना की आरपीएफ जारी करने के लिए आवश्यक सभी जरूरतों और पनडुब्बियों की खूबियों समेत सभी जमीनी काम पूरे कर चुके हैं।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।