India-US Tariff War: अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत ने बदला गेम, निर्यात में बढ़त जारी

India-US Tariff War - अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत ने बदला गेम, निर्यात में बढ़त जारी
| Updated on: 22-Oct-2025 08:40 AM IST
अमेरिका ने जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत के कई उत्पादों पर भारी-भरकम 50% आयात शुल्क (टैरिफ) लगा दिया, तो ऐसा लगा जैसे भारत के निर्यात को बड़ा झटका लग सकता है। खासकर कपड़ा, रत्न-आभूषण, लेदर और समुद्री उत्पाद जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को नुकसान का डर सताने लगा। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार रहा है और जब वहां से ऑर्डर कम होने लगे तो चिंता वाजिब थी।

रणनीतिक जवाब और नए बाजार

लेकिन भारत ने इस चुनौती का सामना घबराने के बजाय रणनीतिक सोच और समझदारी से किया। सरकार और उद्योग जगत ने मिलकर निर्यात के लिए नए बाजारों की तलाश शुरू की और कई देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत किया। अब इसके सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका को भारतीय निर्यात में गिरावट आई, जो मई 2025 में 8. 8 अरब डॉलर से घटकर सितंबर 2025 तक 5. 5 अरब डॉलर रह गया, यानी चार महीनों में 37. 5% की गिरावट। लेकिन अच्छी बात ये रही कि बाकी देशों को निर्यात। में वृद्धि हुई, जिसने इस नुकसान की भरपाई कर दी।

कुछ क्षेत्रों को जबरदस्त बढ़त मिली

भारत ने अमेरिका पर निर्भरता कम करते हुए स्पेन, यूएई, चीन, बांग्लादेश जैसे देशों की ओर रुख किया। अफ्रीका, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाजारों की ओर निर्यात बढ़ाया गया। सितंबर 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 50% से ज्यादा की वृद्धि हुई और चावल का निर्यात भी 33% बढ़कर लगभग 925 मिलियन डॉलर हो गया। समुद्री उत्पाद, जिन्हें सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका थी, उनका निर्यात भी 23% बढ़कर 781 मिलियन डॉलर पहुंच गया और रत्न और आभूषण का निर्यात भी मामूली रूप से बढ़ा।

चुनौतियां और आर्थिक स्थिरता

हालांकि कुछ पारंपरिक और श्रम-प्रधान क्षेत्र जैसे रेडीमेड कपड़े और हथकरघा अभी भी दबाव में हैं, जिनमें 10-12% की गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 155 अरब डॉलर. हो गया, लेकिन इसी दौरान कुल निर्यात 3% बढ़कर 220 अरब डॉलर और आयात 4. 5% बढ़कर 375 अरब डॉलर हो गया, जो मजबूत घरेलू मांग दर्शाता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6. 6% रहने का अनुमान लगाया है, जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कोरिया, जर्मनी, UAE, रूस, कनाडा, ब्राज़ील, इटली, थाईलैंड जैसे 24 देशों में निर्यात बढ़ाया है, जो बाजार विविधीकरण की सफलता का प्रमाण है।

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