दुनिया: भारत की तुर्की को हिदायत, कहा-हिंदुस्तान के आंतरिक मामलों में ना दे दखल

दुनिया - भारत की तुर्की को हिदायत, कहा-हिंदुस्तान के आंतरिक मामलों में ना दे दखल
| Updated on: 07-Aug-2020 06:45 AM IST
नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को लेकर बीते दिनों तुर्की (Turkey) की ओर से किए गए बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत, पक्षपातपूर्ण और गैजरूरी बताया है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि तुर्की भारत के आंतरिक मामलों में तब दखल दे जब उसे यहां की जमीनी हकीकत का पता हो। दरअसल, बीते दिनों तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन के कश्मीर की तुलना फलस्तीन से करने के साथ भारत पर कोरोना संकट के दौरान कश्मीर में अत्याचार करने का आरोप भी लगाया था। ईद उल अजहा के मौके पर एर्दोआन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से बात की थी और कश्मीर के मामले में पाक को समर्थन देने की बात कही थी।


तुर्की का दिलासा

वहीं, कुछ दिन पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने पाकिस्तानी समकक्ष आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात करते हुए भरोसा दिलाया था कि उनका देश कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है। बता दें, तुर्की इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान को इस तरह का आश्वासन दे चुका है। लेकिन पाकिस्तान इस बात से वाकिफ है कि पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' के अनुसार, तुर्की के राष्ट्रपति ने ईद के मौके पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात कर कई मुद्दों पर चर्चा की।


तुर्की पाकिस्तान भाई-भाई

पाकिस्तानी राष्ट्रपति के दफ्तर की ओर से ट्वीट किया गया था, 'राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के बीच ईद-उल-अजहा के अवसर पर फोन पर बात करते हुए एक दूसरे को मुबारकबाद दी। कश्मीर और कोविड-19 जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। पाकिस्तान UNGA से पहले राष्ट्रपति एर्दोगान के स्पष्ट बयान की तारीफ करता है।' एक अन्य ट्वीट में अल्वी ने कहा, 'तुर्की के राष्ट्रपति ने भरोसा दिया कि उनका देश कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के स्टैंड का समर्थन करेगा क्योंकि भाई-भाई जैसे दोनों देशों के लक्ष्य एक हैं।' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दफ्तर की ओर से भी इन बातों को दोहराया गया है।


कुलभूषण मामले पर MEA

कुलभूषण जाधव के मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में पाकिस्तान से अभी तक कोई संवाद प्राप्त नहीं हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को उन्हें बिना रोक टोक के कोंसुलर एक्सेस मुहैया कराने की जरूरत है। हाल में ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जाधव के लिए वकील की नियुक्ति संबंधी एर याचिका में सुनवाई के दौरान भारतीय पक्ष को अवसर देने का निर्देश दिया था। MEA ने कहा कि पाकिस्तान को बुनियादी मुद्दों को संबोधित करने की जरूरत है। ये मुद्दे अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के फैसले की प्रभावी समीक्षा, पूर्ति और क्रियान्वयन से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे हमें संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने और कुलभूषण जाधव तक अप्रभावित, बिना शर्त और बिना शर्त के कोंसुलर पहुंच प्रदान करने से संबंधित हैं।

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