India-America Relations: अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी के लिए भारत तैयार- USA में जयशंकर

India-America Relations - अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी के लिए भारत तैयार- USA में जयशंकर
| Updated on: 23-Jan-2025 08:53 AM IST
India-America Relations: विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस मौके पर उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

अवैध प्रवास पर भारत की स्पष्ट स्थिति
विदेश मंत्री ने वाशिंगटन डीसी में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि भारत विदेशों में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए तैयार है, बशर्ते यह साबित हो जाए कि वे वास्तव में भारत के नागरिक हैं। उन्होंने कहा, "हम अवैध प्रवास का दृढ़ता से विरोध करते हैं। अवैध गतिविधियों से न केवल प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे कई अन्य समस्याएं भी जन्म लेती हैं।"

एस जयशंकर ने यह भी बताया कि अमेरिका इस संदर्भ में कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा, "यह हमारी सैद्धांतिक नीति है। हमने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को भी इस बारे में स्पष्ट कर दिया है।"

डोनाल्ड ट्रम्प की सख्त नीति
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को वापस भेजने पर जोर दिया था। इस संदर्भ में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के रुख को साफ शब्दों में रखा और कहा कि भारत ऐसे सभी मामलों में सहयोग के लिए तैयार है।

वीजा के मुद्दे पर चिंता
अमेरिका में भारतीय नागरिकों के वीजा संबंधी समस्याओं को भी विदेश मंत्री ने प्रमुखता से उठाया। उन्होंने वीजा प्रक्रिया में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लंबी प्रतीक्षा अवधि भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती है। एस जयशंकर ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो को वीजा प्रक्रिया में 400 दिनों तक की प्रतीक्षा अवधि पर ध्यान दिलाया और इसे संबंधों के लिए असंतोषजनक बताया।

भारत-अमेरिका संबंधों का नया आयाम
एस जयशंकर के इस दौरे का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करना है। अवैध प्रवास और वीजा जैसे मुद्दों पर चर्चा यह दिखाती है कि दोनों देशों के बीच संवेदनशील विषयों पर भी संवाद मजबूत है।

इस दौरे से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सैद्धांतिक नीति पर कायम रहते हुए वैश्विक मुद्दों को हल करने में सहयोग के लिए तैयार है। साथ ही, विदेश मंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि भारत-अमेरिका संबंधों को और बेहतर बनाने के लिए दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे।

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