India-Malaysia Relation: भारत करेगा चीन के 50 साल पुराने दोस्त को डील

India-Malaysia Relation - भारत करेगा चीन के 50 साल पुराने दोस्त को डील
| Updated on: 19-Aug-2024 06:00 PM IST
India-Malaysia Relation : मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर बिन इब्राहिम पहली बार भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे।  अनवर इब्राहिम का यह दौरा भारत-मलेशिया के संबंधों को और मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, और भारत-मलेशिया संबंधों को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया था। 

विदेश मंत्रालय के अनुसार, मलेशियाई प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत राष्ट्रपति भवन में 20 अगस्त को होगा, इसके बाद वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में मलेशिया और भारत के रिश्तों में कड़वाहट आई थी, जब मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था।

हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार हुआ है, और अनवर इब्राहिम ने सकारात्मक रुख अपनाया है। भारत मलेशिया के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और इस दौरे से उम्मीद है कि व्यापार, डिजिटल, फिनटेक, और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों में नए समझौते हो सकते हैं।

इस यात्रा का चीन-मलेशिया के 50 साल पुराने डिप्लोमेटिक संबंधों के संदर्भ में भी विशेष महत्व है। चीन और मलेशिया के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत रहे हैं, जबकि भारत भी मलेशिया के शीर्ष 10 व्यापारिक साझेदारों में है। चीन अक्सर भारत के पड़ोसी देशों को भड़काने की नीति पर काम करता है, लेकिन मलेशियाई प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती चीन की चिंता को बढ़ा सकती है।

इस बीच, मालदीव के साथ भारत के संबंधों में सुधार भी हुआ है। हाल ही में भारत और मालदीव के बीच UPI पेमेंट को लेकर MOU साइन किया गया, जो मालदीव के टूरिज्म सेक्टर के लिए लाभकारी हो सकता है। भारत और मालदीव के संबंध पटरी पर लौट रहे हैं, और मलेशियाई प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से वैश्विक कूटनीति में भारत की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है।

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