India-Saudi Relations: भारतीय मुसलमानों के लिए हज यात्रा अब पहले से कहीं ज्यादा सरल, सुरक्षित और व्यवस्थित हो गई है। इसका श्रेय भारत और सऊदी अरब के बीच लगातार प्रगाढ़ होते रिश्तों को दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 22-23 अप्रैल को प्रस्तावित सऊदी यात्रा से ठीक पहले हज कोटे में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, ज़रूरी रियायतें और बेहतर व्यवस्थाओं ने लाखों तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत दी है।
साल 2014 में भारत का हज कोटा 1,36,020 था, जो अब बढ़कर 1,75,025 हो गया है। हर साल सऊदी सरकार द्वारा तय किए जाने वाले इस कोटे में यह बढ़ोतरी भारत-सऊदी संबंधों की मजबूती का एक प्रत्यक्ष संकेत है। यह केवल संख्या में वृद्धि नहीं, बल्कि भरोसे और सम्मान का भी विस्तार है।
हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इस बार 1,22,518 यात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं समय से पहले पूरी कर ली हैं। उड़ानों से लेकर मक्का-मदीना में यातायात, ठहरने की जगहें, खाने-पीने की व्यवस्था तक — सब कुछ सऊदी अरब की गाइडलाइन्स के मुताबिक तय किया गया है। इस समर्पण और तैयारी ने भारत को वैश्विक धार्मिक प्रबंधन में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है।
पहले के वर्षों में लगभग 800 से अधिक निजी टूर ऑपरेटर काम करते थे, जिनकी अनियमितताओं की शिकायतें भी आम थीं। लेकिन इस बार सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देते हुए केवल 26 चुने हुए संयुक्त ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGOs) को मंजूरी दी। बावजूद इसके, कुछ ऑपरेटरों की लापरवाही से 10,000 से अधिक मुसलमानों की हज यात्रा अटक गई थी — क्योंकि डेडलाइन मिस होने पर सऊदी सरकार ने प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
इस संकट को हल करने के लिए भारत सरकार ने तुरंत उच्चस्तरीय संवाद शुरू किया। विदेश मंत्रालय और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सक्रिय पहल पर सऊदी अरब ने एक बार फिर पोर्टल खोला और इन 10,000 यात्रियों को हज की अनुमति दी गई। यह सिर्फ एक प्रशासनिक जीत नहीं, बल्कि एक बड़ी कूटनीतिक सफलता भी है, जिसने भारत की वैश्विक साख को और ऊंचा किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी सऊदी यात्रा को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें हज यात्रियों को और भी रियायतें मिल सकती हैं। चाहे वह वीज़ा प्रक्रिया में सरलता हो, स्थानीय सेवाओं में छूट या मक्का-मदीना में भारतीयों के लिए समर्पित सुविधाएं — इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा आने की पूरी संभावना है।
The Government of India accords high priority to facilitating the Haj pilgrimage for Indian Muslims. Due to sustained efforts, India's Haj quota has risen from 136,020 in 2014 to 175,025 in 2025—finalized annually by Saudi authorities.@PMOIndia @RijijuOffice @RijijuOffice…
— Ministry of Minority Affairs (@MOMAIndia) April 15, 2025