कोरोना वायरस: कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आएगी, अक्टूबर में पहुंचेगी पीक पर: रिपोर्ट

कोरोना वायरस - कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आएगी, अक्टूबर में पहुंचेगी पीक पर: रिपोर्ट
| Updated on: 02-Aug-2021 05:34 PM IST
नई दिल्ली: भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ था और अब विशेषज्ञों ने तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। विशेषज्ञों ने कहा है कि अगस्त के महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। जिसमें हर रोज एक लाख कोरोना मामले देखने को मिल सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि खराब स्थिति में कोरोना के मामले डेढ़ लाख तक भी पहुंच सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगस्त के महीने में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्टूबर में अपने पीक पर जा सकती है। दूसरी लहर में लाचार स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीर डराने वाली थी अगर तीसरी लहर ने भी ऐसी तबाही मचाई तो देश के लिए मुश्किल हो सकती है।

हैदराबाद और कानपुर IIT में मथुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में शोधकर्ताओं का हवाला देते हुए ब्लूमबर्ग ने बताया कि कोविड -19 मामलों में हो रही वृद्धि कोरोनो वायरस महामारी की तीसरी लहर को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि यह अक्टूबर में चरम पर पहुंच सकती है। विशेषज्ञों ने कहा कि केरल और महाराष्ट्र में जिस तरह कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं इससे स्थिति खराब हो सकती है।

हर दिन डेढ़ लाख कोरोना मामले

हालांकि कोरोन तीसरी लहर, दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी जब देश में हर रोज 4 लाख कोरोना मामले देखने को मिल रहे थे। इस साल कोरोना की स्थित के बारे में अनुमान लगाने वाले विशेषज्ञों का अनुमान एक गणितीय मॉडल पर आधारित था। मई में, IIT हैदराबाद के एक प्रोफेसर, विद्यासागर ने कहा कि भारत के कोरोना वायरस का प्रकोप आने वाले दिनों में गणितीय मॉडल के आधार पर चरम पर हो सकता है।

केंद्र सरकार की चेतावनी

भारत में रविवार को कोरोना के 41,831 नए मामले सामने आए और 541 लोगों की वायरस से मौत हो गई।  केंद्र सरकार ने केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर क्षेत्रों सहित 10 राज्यों को चेतावनी दी है कि बढ़ते संक्रमण के बीच और उन्हें कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस को डेल्टा वेरिएंट चिकनपॉक्स की तरह आसानी से फैल सकता है और वैक्सीन लगवाने वालों में भी फैल सकता है. इंडियन Sars-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) के आंकड़ों के अनुसार, मई, जून और जुलाई में हर 10 कोविड -19 मामलों में से लगभग 8 कोरोनोवायरस के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा संस्करण के कारण होते थे।

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