Tata Capital IPO: भारतीय शेयर बाजार में बीते कारोबारी दिन जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स ने 1,000 अंकों से अधिक की छलांग लगाकर बाजार में उत्साह का माहौल बना दिया। इस सकारात्मक रुझान के बीच आईपीओ बाजार के लिए भी एक अहम खबर सामने आई है। देश की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) टाटा कैपिटल को उसके प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से मंजूरी मिल गई है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा कैपिटल ने 5 अप्रैल को अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) सेबी के पास गोपनीय रूप से दाखिल किया था। अब सेबी की मंजूरी के बाद कंपनी की बहुप्रतीक्षित लिस्टिंग की राह और स्पष्ट हो गई है। उम्मीद है कि टाटा कैपिटल जुलाई के पहले सप्ताह में अपडेटेड DRHP को सार्वजनिक रूप से फाइल कर देगी और इसके बाद फाइनल रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) प्रस्तुत करेगी।
टाटा कैपिटल का प्रस्तावित आईपीओ 17,200 करोड़ रुपये तक का हो सकता है, जो इसे भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े पब्लिक इश्यूज़ में से एक बना देगा। यह इश्यू नए शेयरों के साथ-साथ टाटा संस द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में आएगा। टाटा संस वर्तमान में टाटा कैपिटल में 93% हिस्सेदारी रखता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टाटा कैपिटल और टाटा संस दोनों को ‘अपर लेयर’ एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया है। इस वर्गीकरण के अनुसार, इन कंपनियों को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना अनिवार्य है। यह नियम सख्त नियामक निगरानी और तीन वर्षों की समयसीमा के साथ आता है, जिसमें लिस्टिंग अनिवार्य कर दी गई है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप इस आईपीओ के लिए 11 बिलियन डॉलर (लगभग 91,000 करोड़ रुपये) तक की वैल्यूएशन का लक्ष्य रख रहा है। यदि सबकुछ योजना के अनुसार रहा, तो यह 2025 का सबसे बड़ा भारतीय आईपीओ बन सकता है।
टाटा कैपिटल की लिस्टिंग और इसके लिए सेबी की मंजूरी ऐसे समय पर आई है जब भारतीय शेयर बाजार में विदेशी और घरेलू निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। सेंसेक्स की हालिया रैली और आगामी बड़े आईपीओ भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और बाजार की गहराई का संकेत दे रहे हैं।