Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। बृहस्पतिवार को इजरायल ने ईरान के अराक स्थित भारी जल रिएक्टर पर हमला कर दिया। ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि हमले से पहले ही संयंत्र को खाली करवा लिया गया था और किसी भी प्रकार के रेडिएशन खतरे की आशंका नहीं है।
इजरायल ने हमले से पहले सुबह ही चेतावनी दी थी कि वह अराक रिएक्टर पर हमला करेगा और स्थानीय लोगों को तत्काल क्षेत्र खाली करने को कहा गया था। इसके बावजूद इस कदम ने वैश्विक समुदाय को सकते में डाल दिया है क्योंकि अराक रिएक्टर का परमाणु महत्व काफी बड़ा है।
अराक रिएक्टर तेहरान से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह एक भारी जल रिएक्टर है जिसका उपयोग परमाणु रिएक्टर को ठंडा करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका एक और पहलू यह है कि यह प्लूटोनियम भी उत्पन्न करता है, जिसे परमाणु हथियारों के निर्माण में प्रयोग किया जा सकता है। यही कारण है कि यह रिएक्टर अंतरराष्ट्रीय निगरानी का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इजरायल से संयम बरतने की अपील की है और ईरान के परमाणु केंद्रों पर किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से बचने को कहा है। IAEA के निरीक्षकों ने हाल ही में 14 मई को अराक रिएक्टर का निरीक्षण किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह स्थान लगातार निगरानी में था।
मानवाधिकार समूह ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ के अनुसार, इजरायल के हमलों में ईरान में अब तक कम से कम 639 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,329 लोग घायल हैं। मरने वालों में 263 आम नागरिक और 154 सुरक्षा बल के सदस्य शामिल हैं।
इजरायल के हमले के जवाब में ईरान ने भी मिसाइल हमले किए, जिसमें दक्षिण इजरायल के ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ को भारी क्षति पहुंची। बीर शेबा स्थित यह अस्पताल दक्षिण इजरायल के 10 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य सेवा का मुख्य केंद्र है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से वहां न आने की अपील की है क्योंकि इमारत को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, अस्पताल के मुख्य भवन और आसपास की आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस हमले में कितने लोग हताहत हुए हैं।