बेंगलुरु: विक्रम से संपर्क के लिए इसरो को अब चन्द्रमा पर सुबह का इंतजार
बेंगलुरु - विक्रम से संपर्क के लिए इसरो को अब चन्द्रमा पर सुबह का इंतजार
बंगलूरू. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अभी भी चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क की उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं। विक्रम में नई जान फूंकने के लिए इसरो दिन-रात कोशिशों में जुटा हुआ है। हालांकि इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इसरो प्रमुख के सीवन ने मंगलवार को बताया कि चांद के जिस ओर हमने लैंड किया है, वहां अब रात का समय है। ऐसे में संपर्क करना मुश्किल है। जब दिन का समय फिर से शुरू होगा, हम फिर से कोशिश करेंगे।संपर्क करना बड़ी चुनौती चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग से पहले इसरो ने जानकारी दी थी कि लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ एक चंद्र दिवस के बराबर है, जो धरती के 14 दिनों के बराबर है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतने दिनों बाद लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करना काफी मुश्किल होगा। इसरो के एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि इतने दिनों के बाद संपर्क करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होगा, लेकिन कोशिश करने में कोई दिक्कत नहीं है।ठंड और भूकंप बड़ी चुनौती इसरो अधिकारी के मुताबिक चांद पर रात के समय लैंडर को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना होगा। इस समय वहां काफी ज्यादा सर्दी होगी। इसके अलावा वहां आने वाले भूकंप के झटके भी चिंता बढ़ाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि लैंडर विक्रम तेज गति से चांद की सतह से टकराया है, इससे उसके भीतर भी काफी कुछ नुकसान हुआ होगा। ऐसे में चीजें बहुत ही मुश्किल हैं। अंतिम क्षणों में लड़खड़ाया था विक्रम बीते सात सितंबर को चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम अंतिम क्षणों में लैंडिंग के वक्त लड़खड़ा गया था। इसके बाद से उससे संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। रोवर प्रज्ञान अभी भी लैंडर के भीतर ही है। चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग से चंद मिनट पहले ही विक्रम से संपर्क टूट गया था। इसके बाद से ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन विक्रम से संपर्क करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही थी, लेकिन 10 दिन पहले उन्होंने सभी प्रयासों को रोक दिया था।