Lok Sabha Elections: 'बुरा तब होता जब...', 'राम मंदिर लहर' पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का बड़ा बयान

Lok Sabha Elections - 'बुरा तब होता जब...', 'राम मंदिर लहर' पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का बड़ा बयान
| Updated on: 06-Apr-2024 07:40 PM IST
Lok Sabha Elections: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर भगवान राम का नाम लेकर नाथूराम गोडसे के सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में ‘व्यक्तिवाद’ परिवारवाद से ज्यादा खतरनाक है। कुमार ने यह भी दावा किया कि बीजेपी हिंदू धर्म की महानता को कम करने की कोशिश कर रही है और राम की संकल्पना में किसी के लिए नफरत का कोई स्थान नहीं है। कुमार ने यह भी कहा कि गांधी-नेहरू परिवार के योगदान को कमतर दिखाने का प्रयास हो रहा है।

‘अगर राम जी की लहर है तो यह बुरी बात नहीं है’

कुमार से सवाल किया गया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से देश में राम मंदिर लहर की बात हो रही है जिससे बीजेपी को फायदा हो सकता है, तो इस मुद्दे से कांग्रेस कैसे ‘डील’ करेगी? इस पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को इससे डील करने (निपटने) की क्या जरूरत है। अगर राम जी की लहर है तो यह बुरी बात नहीं है। बुरा तब होता जब नाथूराम (महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोड़से) की लहर होती। मुझे लगता है कि बीजेपी जो प्रचार कर रही है, उसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है। राम जी त्रेता युग में हुए थे, बीजेपी 1980 में बनी है।’

‘नाम राम का लेते हैं लेकिन काम नाथूराम के करते हैं’

कुमार ने कहा, ‘बीजेपी इस काम में लगी है कि राम को मानने वाले लोगों को कैसे ठगा जाए, इसलिए नाम तो राम का लेते हैं लेकिन काम नाथूराम के करते हैं। यह जो खेल है इससे बीजेपी को फायदा होता है।’ उनके मुताबिक यह देश की संस्कृति, इतिहास और आने वाली पीढ़ी के खिलाफ है। कुमार ने कहा, 'अगर हम राम जी की संकल्पना को देखें तो वह (हर जगह) रचे-बसे हैं। लोगों के नाम और स्थानों के नाम उनके नाम पर हैं। कुछ धर्मों में है कि कोई एक स्थान महत्वपूर्ण होता है, लेकिन हिंदू धर्म में सभी स्थान और सभी भगवान महत्वपूर्ण हैं।’

‘सिंधिया बीजेपी में गए तो राष्ट्रवादी हो गए’

कांग्रेस पर परिवारवादी पार्टी होने के आरोप से जुड़े सवाल पर कुमार ने कहा कि अगर परिवारवाद जैसी कोई चीज है तो सभी परिवारवादी हैं। उनका कहना था, ‘यह एक जानबूझकर किया जाने वाला प्रयास है कि किसी की पहचान को नीचा दिखाया जाए। कांग्रेस के संदर्भ में परिवारवाद की बात होती है तो मैं यह पूछता हूं कि यह सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार तक सीमित है या बाकी नेताओं पर भी लागू होती है? अगर बाकी नेताओं पर लागू होती है तो फिर ऐसा क्यों है कि जब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तब तक परिवारवादी थे और ज्यों ही बीजेपी में गए तब राष्ट्रवादी और संघवादी हो गए?’

बेगूसराय से चुनाव लड़ने पर भी बोले कन्हैया

RJD नेता तेजस्वी यादव द्वारा असुरक्षा के कारण बेगूसराय से उनकी उम्मीदवारी के कथित विरोध के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘मैं इतना बड़ा व्यक्ति नहीं हूं कि जिनके पिता जी, माता जी मुख्यमंत्री रहे हों, कुछ महीने पहले तक वह खद उपमुख्यमंत्री थे, वह हमसे डर जाएंगे। उनको देश के वर्तमान शासन और परिस्थति से डरने की जरूरत है।’ इस सवाल पर कि क्या वह बिहार के बेगूसराय से ही लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे तो कन्हैया कुमार ने कहा कि जो रास्ता मालूम होता है व्यक्ति बार-बार उसी रास्ते पर चलना चाहता है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।