Jaipur News: जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की मौत: सुसाइड या हादसा?
Jaipur News - जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की मौत: सुसाइड या हादसा?
जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में शनिवार को एक हृदय विदारक घटना सामने। आई, जहां छठी कक्षा की छात्रा अमायरा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। स्कूल की चौथी मंजिल से गिरने के बाद उसकी जान चली गई, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। यह घटना आत्महत्या है या एक दुखद हादसा, इस पर रहस्य गहरा गया है, हालांकि सीसीटीवी फुटेज ने कुछ महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं।
घटना का विस्तृत विवरण
घटना शनिवार को हुई जब 6वीं कक्षा की छात्रा अमायरा स्कूल परिसर में थी। पुलिस के अनुसार, वह स्कूल की चौथी मंजिल से करीब 47 फीट नीचे कूद गई। इस घटना के तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बच्ची के गिरने के स्थान पर खून के निशान पाए गए थे, जिन्हें स्कूल प्रबंधन ने कथित तौर पर पानी से धुलवा दिया, जिससे स्कूल की मंशा पर सवाल खड़े हो गए हैं और अस्पताल से पुलिस को सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी नीरजा मोदी स्कूल पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू की।सीसीटीवी फुटेज से बड़ा खुलासा
मानसरोवर एसएचओ लखन खटाना ने स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच के बाद एक बड़ा खुलासा किया है और फुटेज में साफ दिख रहा है कि बच्ची स्कूल की चौथी मंजिल से कूदी है। बताया जा रहा है कि अमायरा पहले वॉशरूम गई और उसके बाद उसने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। यह फुटेज इस ओर इशारा करती है कि यह एक आत्महत्या का मामला हो सकता है, लेकिन बच्ची ने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है। पुलिस अब इस पहलू पर गहराई से जांच कर रही है कि आखिर किस वजह से एक छोटी बच्ची को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा।स्कूल प्रशासन की संदिग्ध चुप्पी और असहयोग
इस दुखद घटना के बाद नीरजा मोदी स्कूल प्रशासन की भूमिका बेहद संदिग्ध रही है। स्कूल प्रबंधन ने अमायरा की मौत पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है और कोई भी स्टाफ सदस्य या अधिकारी पुलिस या मीडिया से बात करने को तैयार नहीं है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) राम निवास शर्मा स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने पहुंचे, तो कोई भी उनसे मिलने या बात करने के लिए सामने नहीं आया। प्रिंसिपल के प्रतिनिधि ललित ने तो डीईओ का फोन तक नहीं उठाया। करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद डीईओ को खाली हाथ लौटना पड़ा। स्कूल का यह रवैया पारदर्शिता की कमी और जांच में असहयोग को दर्शाता है, जिससे कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।पुलिस जांच और परिवार का रुख
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग अपने कब्जे में ले ली है और आगे की जांच जारी है। एसआई दिनेश ने बताया कि मृतक छात्रा की पहचान अमायरा के रूप में हुई है, जिसके माता-पिता मानसरोवर थाने के एसएफएस इलाके में रहते हैं। उसकी मां बैंक कर्मचारी है और पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और जयपुरिया अस्पताल की मोर्चरी के बाहर अमायरा के पिता विजय मीणा, अन्य रिश्तेदारों सहित करीब 30 से 40 लोग मौजूद हैं। परिवार ने अभी तक पंचनामे पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जो यह दर्शाता है कि वे अपनी बच्ची की मौत के पीछे की सच्चाई जानने के लिए दृढ़ हैं और शायद स्कूल प्रशासन के रवैये से संतुष्ट नहीं हैं। पंचनामे पर हस्ताक्षर होने के बाद ही बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।अनसुलझे सवाल और आगे की राह
यह घटना कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है और क्या स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे? स्कूल प्रशासन ने खून के निशान क्यों धोए? उनकी चुप्पी का क्या मतलब है और क्या अमायरा किसी तरह के दबाव में थी? पुलिस को इन सभी सवालों के जवाब तलाशने होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी ने भी स्कूल के असहयोग पर चिंता व्यक्त की है और। कहा है कि वे प्रिंसिपल या स्टाफ से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच की आवश्यकता है ताकि अमायरा की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना स्कूलों में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के महत्व पर भी गंभीर चिंतन की मांग करती है।