Rajasthan News: जयपुर स्कूल कांड: डिप्टी CM दिया कुमारी पहुंचीं अमायरा के घर, आंसू पोंछते हुए किया मदद का वादा!

Rajasthan News - जयपुर स्कूल कांड: डिप्टी CM दिया कुमारी पहुंचीं अमायरा के घर, आंसू पोंछते हुए किया मदद का वादा!
| Updated on: 12-Nov-2025 09:00 AM IST
जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की दुखद मौत का मामला अब राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में गरमा गया है। शनिवार को मानसरोवर स्थित स्कूल की चौथी मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगाने के बाद अमायरा। की मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही यह घटना लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। इस हृदय विदारक घटना ने न केवल अमायरा के परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया है, बल्कि पूरे शहर में स्कूल सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी का भावुक दौरा

राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने मंगलवार को सीधे मुरलीपुरा स्थित अमायरा के आवास पर पहुंचकर शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और यह मुलाकात बेहद भावुक क्षणों से भरी रही, जहां दिया कुमारी ने अमायरा के परिजनों से घटना की पूरी जानकारी ली और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, 'ईश्वर अमायरा की आत्मा को। शांति प्रदान करें और इस दुख की घड़ी में परिजनों को संबल दें। ' सूत्रों के अनुसार, परिवार ने उपमुख्यमंत्री के समक्ष अपनी पीड़ा और स्कूल प्रबंधन के कथित उदासीन रवैये को लेकर अपनी शिकायतें विस्तार से रखीं और इस संवेदनशील माहौल में, दिया कुमारी ने न केवल परिवार के सदस्यों के आंसू पोंछे, बल्कि उन्हें यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में हर संभव सहायता प्रदान करेगी और सच्चाई को सामने लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उनका यह दौरा परिवार के लिए एक बड़ा नैतिक सहारा बनकर उभरा है।

शिक्षा मंत्री का सख्त रुख और चेतावनी

उपमुख्यमंत्री के दौरे से पहले, 2 नवंबर को स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी अमायरा के घर जाकर शोक व्यक्त किया था। दिलावर ने मुलाकात के बाद स्पष्ट रूप से कहा था कि जांच रिपोर्ट के आधार पर नीरजा मोदी स्कूल के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। उनका विशेष ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि क्या स्कूल प्रबंधन ने जांच के लिए पहुंचे शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जानबूझकर रोका था। मंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'अगर यह बात सही पाई गई तो आगे की कार्रवाई एक मिसाल बनेगी, ताकि भविष्य में कोई भी स्कूल प्रबंधन ऐसी लापरवाही या असहयोग का दुस्साहस न कर सके। ' उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इस बात की गहन जांच कर रही है कि किन नियमों और प्रक्रियाओं के। तहत स्कूल को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त हुआ था और उसने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्धता कैसे हासिल की। दिलावर ने इस घटना को एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में घटित होना 'चौंकाने वाला' बताया, जो शिक्षा प्रणाली में व्याप्त कमियों को उजागर करता है।

जांच में असहयोग के गंभीर आरोप

इस पूरे मामले का एक सबसे गंभीर और चिंताजनक पहलू यह है कि घटना के तुरंत बाद जांच के लिए पहुंची शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल प्रबंधन पर असहयोग का सीधा आरोप लगाया है। जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) राम निवास शर्मा के नेतृत्व में छह अधिकारियों की एक टीम घटना की जांच के लिए स्कूल पहुंची थी। अधिकारियों का आरोप है कि उन्हें स्कूल के मुख्य द्वार पर डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन न तो स्कूल के प्रिंसिपल और न ही किसी अन्य प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात की। मुख्य द्वार अंदर से बंद था और बार-बार खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला, जिससे जांच प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हुई। इस गंभीर असहयोग के बाद, शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता रद्द करने तक पर विचार करने की बात कही है, जो स्कूल प्रबंधन के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकती है।

यह आरोप स्कूल की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस के अनुसार, 9 वर्षीय छात्रा अमायरा ने शनिवार को मानसरोवर स्थित नीरजा मोदी स्कूल की चौथी मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगाई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। हालांकि, संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने इस घटना को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि अमायरा ने एक शिक्षक के व्यवहार से परेशान होकर यह कदम उठाया और स्कूल प्रशासन ने घटना के बाद सबूत मिटाने की भी कोशिश की। इन आरोपों ने मामले को और भी जटिल बना दिया है। फिलहाल, अमायरा की मौत के सही कारणों का पता लगाने के। लिए पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर गहन जांच का सिलसिला जारी है। जांच एजेंसियां सभी पहलुओं पर गौर कर रही हैं, जिसमें स्कूल के सीसीटीवी फुटेज, कर्मचारियों के बयान और अन्य संबंधित साक्ष्य शामिल हैं, ताकि इस दुखद घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।

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