Rajasthan Government: राजस्थान सरकार ने जयपुर और कोटा में नगर निगमों के पुनर्गठन और परिसीमन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। जयपुर में नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज को मिलाकर नए नगर निगम जयपुर का प्रारूप तैयार किया गया है, जबकि कोटा में नगर निगम उत्तर और दक्षिण को मिलाकर नए नगर निगम कोटा का गठन किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत वार्डों की सीमाएं और जनसंख्या के आधार पर नए वार्डों का निर्धारण किया गया है।
जयपुर में नए नगर निगम के तहत कुल 150 वार्ड बनाए गए हैं। जनसंख्या के आधार पर वार्ड नंबर 135 सबसे बड़ा वार्ड होगा, जहां कुल जनसंख्या 32,272 है। वहीं, वार्ड नंबर 31 सबसे छोटा वार्ड होगा, जिसकी जनसंख्या 13,499 है।
पांच महीने पहले तैयार किए गए ड्राफ्ट प्लान में वार्ड नंबर 19 को सबसे बड़ा (जनसंख्या 37,711) और वार्ड नंबर 132 को सबसे छोटा (जनसंख्या 10,371) प्रस्तावित किया गया था। हालांकि, आपत्तियों के निपटारे और परिसीमन प्रक्रिया के बाद अब वार्ड 135 और वार्ड 31 को क्रमशः सबसे बड़ा और सबसे छोटा वार्ड घोषित किया गया है।
कोटा नगर निगम के पुनर्गठन के तहत कुल 100 वार्ड बनाए गए हैं। जनसंख्या के आधार पर वार्ड नंबर 20 और 38 सबसे बड़े वार्ड होंगे, जहां प्रत्येक की जनसंख्या 12,990 है। वहीं, वार्ड नंबर 74 सबसे छोटा वार्ड होगा, जिसकी जनसंख्या 2,201 है।
लगभग छह महीने पहले, राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर जयपुर में नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर, साथ ही कोटा में नगर निगम उत्तर और दक्षिण को एकीकृत करने का निर्णय लिया था। इसके बाद, सरकार ने परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की और वार्डों की सीमाएं निर्धारित करने के लिए जनता से आपत्तियां मांगी थीं। इन आपत्तियों का निपटारा करने के बाद परिसीमन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और इसे गजट अधिसूचना के लिए भेजा गया है।
गजट अधिसूचना जारी होने के बाद, जिला निर्वाचन शाखा द्वारा वार्डों का आरक्षण (एसटी, एससी वर्ग के लिए) निर्धारित किया जाएगा। यह निर्धारण वार्डों में मौजूद आरक्षित वर्गों की जनसंख्या के आधार पर होगा। जिन वार्डों में इन वर्गों की जनसंख्या अधिक होगी, उन्हें आरक्षित श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसके बाद, स्वायत्त शासन विभाग और जिला निर्वाचन शाखा द्वारा ओबीसी वर्ग और महिला आरक्षण के लिए लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर का कार्यकाल इस साल नवंबर 2025 में समाप्त होगा। राजस्थान सरकार की "वन स्टेट-वन इलेक्शन" नीति के तहत, प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में एक साथ चुनाव कराने की योजना है। संभावना है कि अगले साल सभी नगरीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव आयोजित किए जाएंगे।