India-America Relations: US में जयशंकर-रुबियो की बैठक, टैरिफ और H-1B मुद्दे के बाद पहली मुलाकात

India-America Relations - US में जयशंकर-रुबियो की बैठक, टैरिफ और H-1B मुद्दे के बाद पहली मुलाकात
| Updated on: 22-Sep-2025 10:07 PM IST

India-America Relations: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। यह इस साल दोनों नेताओं की तीसरी आमने-सामने की मुलाकात थी, जो इससे पहले जनवरी और जुलाई में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हो चुकी थी। इस मुलाकात में H-1B वीजा और द्विपक्षीय व्यापार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।

H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि: भारत के लिए चिंता

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा आवेदन शुल्क को अचानक बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया। इस फैसले ने भारत के आईटी पेशेवरों और कंपनियों में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि H-1B वीजा भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका में काम करने का एक प्रमुख रास्ता है। इस शुल्क वृद्धि से भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ेगी और कुशल कामगारों का आवागमन प्रभावित हो सकता है।

व्यापारिक तनाव और बातचीत

पिछले कुछ महीनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव देखा गया। अगस्त में अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लागू किया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ा। हालांकि, दोनों देश इस तनाव को कम करने और अपने आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ एक व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। इसके अलावा, दोनों देश एक द्विपक्षीय निवेश संधि (Bilateral Investment Treaty) पर भी काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य निवेश को सुरक्षित और स्थिर बनाना है।

जयशंकर-रुबियो मुलाकात का महत्व

जयशंकर और रुबियो की यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की कोशिश का हिस्सा है। दोनों देश व्यापार, निवेश और कुशल कामगारों के आवागमन को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहे हैं। यह मुलाकात दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए।

नेताओं के बयान और भारत की भूमिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता करने में कोई बड़ी बाधा नहीं है। वहीं, मार्को रुबियो ने भारत-अमेरिका संबंधों को "विशेष" करार देते हुए कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक केंद्र बिंदु है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपनी कमांड का नाम बदलकर भारत को महत्व देने का संदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने सर्जियो गोर को भारत के लिए नया अमेरिकी राजदूत नियुक्त किया है, जो अमेरिका की भारत के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।

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