India-China Relation: 2020 वाली पेट्रोलिंग पर लौटेंगे... जयशंकर का भारत-चीन समझौते पर बयान

India-China Relation - 2020 वाली पेट्रोलिंग पर लौटेंगे... जयशंकर का भारत-चीन समझौते पर बयान
| Updated on: 22-Oct-2024 11:55 AM IST
India-China Relation: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबे समय से चले आ रहे तनाव में एक बड़ा मोड़ आया है। हाल ही में हुई बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इसके तहत भारतीय और चीनी सैनिक अब फिर से उसी तरह गश्त कर सकेंगे जैसे वे मई 2020 में तनाव शुरू होने से पहले करते थे। इस समझौते की पुष्टि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की है।

2020 की पेट्रोलिंग स्थिति पर लौटेंगे

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर सहमति बन गई है, जिससे दोनों देश 2020 वाली स्थिति पर लौट आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच 2020 के बाद जो तनाव हुआ था, वह अब हल होने की ओर है। यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग से संबंधित है, जहां दोनों पक्षों ने अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है।

यह महत्वपूर्ण समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच BRICS समिट के दौरान द्विपक्षीय बातचीत की संभावना जताई जा रही है। इस समिट के जरिए दोनों देशों के बीच संवाद के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है, जो सीमा विवाद को सुलझाने में सहायक हो सकते हैं।

कैसे बनी सहमति?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि यह सहमति धैर्य और कूटनीति का परिणाम है। भारत और चीन के बीच सितंबर 2020 से बातचीत चल रही थी, और अब इस समझौते तक पहुंचना एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। जयशंकर ने इस दौरान बातचीत की प्रक्रिया में भारत के धैर्य को महत्वपूर्ण बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बनाता है। सीमा पर शांति और स्थिरता होने से ही द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो सकता है। हालांकि, व्यापार पर इस समझौते का प्रभाव तुरंत नहीं देखा जा सकता, लेकिन सीमा पर स्थिरता से दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक परिवर्तन आने की संभावना है।

2020 में हुआ था गलवान संघर्ष

भारत और चीन के बीच तनाव की जड़ 2020 में हुई गलवान घाटी की झड़प है, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन की तरफ से 40 सैनिक मारे गए या घायल हुए थे। इस झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों में भारी तनाव बना हुआ था।

LAC पर बढ़ते तनाव के बीच, दोनों देशों ने कई दौर की बातचीत की, लेकिन सीमा पर हालात सामान्य होने में काफी वक्त लगा। अब, इस नए समझौते के बाद, उम्मीद है कि दोनों देश सीमा पर शांति स्थापित करने के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।

समाधान की ओर बढ़ते कदम

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर हालिया बैठक 29 अगस्त को बीजिंग में हुई थी, जहां दोनों देशों के बीच मतभेदों को कम करने के लिए बातचीत की गई। इससे पहले भी, विदेश मंत्री ने 12 सितंबर को जिनेवा में कहा था कि भारत और चीन के बीच विवाद का 75% समाधान हो चुका है।

यह नया समझौता न केवल सीमा पर शांति और स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि दोनों देशों के बीच भविष्य के कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को भी प्रभावित करेगा। इसके जरिए दोनों देश तनाव से निकलकर सहयोग के नए रास्ते तलाश सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत और चीन के बीच LAC पर हुआ यह समझौता दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा में ले जा सकता है। 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से चले आ रहे तनाव को समाप्त करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इस समझौते से न केवल सीमा पर शांति स्थापित होगी, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है। कूटनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से, यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का आधार बन सकती है।

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