Jasprit Bumrah News: क्या जसप्रीत बुमराह का जादू हो रहा है फीका? पिछले 5 T20I में लुटाए 141 रन, सिर्फ 5 विकेट
Jasprit Bumrah News - क्या जसप्रीत बुमराह का जादू हो रहा है फीका? पिछले 5 T20I में लुटाए 141 रन, सिर्फ 5 विकेट
भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, जिन्हें कभी डेथ ओवर्स का बादशाह। माना जाता था, पिछले कुछ समय से अपनी पुरानी धार खोते हुए नजर आ रहे हैं। उनकी गेंदबाजी में वह पैनापन और विकेट लेने की क्षमता अब पहले जैसी नहीं। दिख रही है, जिससे क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच चिंता का माहौल है। हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दूसरे टी20 मैच में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जहां वह अपनी टीम के लिए कोई खास कमाल नहीं दिखा सके।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ बेअसर प्रदर्शन
साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में जसप्रीत बुमराह पूरी तरह से बेअसर साबित हुए। इस महत्वपूर्ण मुकाबले में उन्होंने अपने चार ओवर के कोटे में 45। रन लुटा दिए, लेकिन एक भी विकेट हासिल करने में नाकाम रहे। यह आंकड़े उनकी वर्तमान फॉर्म को दर्शाते हैं, जहां बल्लेबाज उनके खिलाफ आसानी से रन बटोर रहे हैं। मैच के दौरान, साउथ अफ्रीका के डोनोवान फेरेरा, क्विंटन डिकॉक और डेविड मिलर जैसे बल्लेबाजों ने बुमराह की गेंदों पर कई बड़े स्ट्रोक लगाए, जिससे उनकी गेंदबाजी पर दबाव स्पष्ट रूप से दिखाई दिया और उन्होंने इस मैच में दो वाइड गेंदें भी फेंकी, जो उनकी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण की कमी को भी उजागर करती है।पिछले पांच T20I मैचों का विश्लेषण
जसप्रीत बुमराह के पिछले पांच T20I मैचों के आंकड़े उनकी मौजूदा स्थिति की एक स्पष्ट तस्वीर पेश करते हैं। इन पांच मैचों में उन्होंने कुल 141 रन लुटाए हैं, जबकि इस दौरान वह केवल पांच विकेट ही चटका पाए हैं। यह प्रदर्शन उनके करियर के शुरुआती दौर और उनके सुनहरे दिनों के मुकाबले काफी कमजोर है। इन पांच मैचों में से दो साउथ अफ्रीका के खिलाफ और तीन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए हैं।मैच-दर-मैच प्रदर्शन का विवरण
11 दिसंबर 2025 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में बुमराह ने 45 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया। इससे पहले, 9 दिसंबर 2025 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 17 रन देकर 2 विकेट लिए थे, जो इन पांच मैचों में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 नवंबर 2025 को उन्होंने 27 रन देकर 1 विकेट लिया, जबकि 2 नवंबर 2025 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह 26 रन देकर कोई विकेट नहीं ले पाए। 31 अक्टूबर 2025 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 26 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे। इन आंकड़ों से पता चलता है कि वह लगातार रन लुटा रहे। हैं और विकेट लेने की उनकी क्षमता में भी गिरावट आई है। एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ भी उन्होंने चार ओवर में 45 रन दिए थे और कोई विकेट नहीं चटका सके थे, जो उनकी मौजूदा फॉर्म की एक और बानगी है।डेथ ओवर्स के विशेषज्ञ से कमजोर कड़ी तक का सफर
एक समय था जब जसप्रीत बुमराह को डेथ ओवर्स में गेंदबाजी करने के लिए सबसे घातक गेंदबाज माना जाता था और उनकी यॉर्कर और धीमी गेंदें बल्लेबाजों के लिए अबूझ पहेली होती थीं। वह अक्सर मैच के निर्णायक क्षणों में विकेट लेकर या रन गति पर अंकुश लगाकर टीम इंडिया को जीत दिलाते थे। हालांकि, अब ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपनी पुरानी लय। में नहीं हैं और बल्लेबाज उनके खिलाफ खुलकर रन बना रहे हैं। जहां पहले वह टीम की जीत में अहम भूमिका निभाते थे, वहीं अब उनके प्रदर्शन को हार की एक कमजोर। कड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जैसा कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में देखने को मिला।शानदार करियर और वर्तमान चुनौती
जसप्रीत बुमराह ने साल 2016 में भारतीय टीम के लिए टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और अपने करियर में उन्होंने अभी तक 82 T20I मैचों में कुल 101 विकेट चटकाए हैं, जो एक प्रभावशाली आंकड़ा है। उन्होंने भारतीय टीम को टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जिताने में भी अहम भूमिका निभाई थी, जहां उन्होंने टूर्नामेंट में कुल 15 विकेट झटके थे और इसी शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का अवॉर्ड भी मिला था। यह उनके करियर का एक स्वर्णिम अध्याय था, जो उनकी क्षमता और मैच जिताने की काबिलियत को दर्शाता है और हालांकि, अब उन्हें अपनी पुरानी फॉर्म और जादू को फिर से हासिल करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, ताकि वह एक बार फिर टीम इंडिया के लिए मैच विजेता साबित हो सकें।आगे की राह और उम्मीदें
जसप्रीत बुमराह जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाज के लिए यह दौर चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उनकी प्रतिभा और अनुभव पर अभी भी भरोसा कायम है। क्रिकेट प्रशंसक और टीम प्रबंधन उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द ही अपनी पुरानी लय में लौटेंगे और एक बार फिर अपनी घातक गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान करेंगे। उनकी वापसी न केवल उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण होगी, बल्कि भारतीय टीम की सफलता के लिए भी अत्यंत आवश्यक है, खासकर आगामी बड़े टूर्नामेंटों को देखते हुए।