Kamala Harris: ट्रंप से हार के बाद कमला हैरिस के मुंह से निकले थे ये पहले शब्द, कहा था 'हे भगवान...'

Kamala Harris - ट्रंप से हार के बाद कमला हैरिस के मुंह से निकले थे ये पहले शब्द, कहा था 'हे भगवान...'
| Updated on: 19-Sep-2025 12:58 PM IST

Kamala Harris: अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी नई किताब 107 डेज में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मिली हार के बाद के अपने अनुभवों को साझा किया है। किताब का शीर्षक उनके 107 दिनों तक चले चुनावी अभियान की ओर इशारा करता है। मंगलवार को होने वाले इस किताब के विमोचन से पहले, इसमें शामिल कुछ खुलासे चर्चा का विषय बन चुके हैं। हैरिस ने न केवल अपनी गलतियों को स्वीकार किया है, बल्कि जो बाइडेन के साथ अपने रिश्तों की जटिलताओं और अभियान के दौरान की कुछ अजीब घटनाओं का भी जिक्र किया है।

हार की खबर और सदमा

किताब में हैरिस ने उस पल का जिक्र किया है जब उन्हें डोनाल्ड ट्रंप से हार की खबर मिली। वह लिखती हैं कि इस खबर पर उन्हें यकीन नहीं हुआ। हार की सूचना मिलने के बाद उनकी एक सहयोगी ने कपकेक पर लिखे वाक्यांश ‘मैडम प्रेसिडेंट’ को हटाया और इन्हें निराश कर्मचारियों के बीच बांट दिया। हैरिस ने इस पल को याद करते हुए लिखा, “मैंने कहा, ‘हे भगवान, अब हमारे देश का क्या होगा?’” अगले दिन भी वह इस सदमे से उबर नहीं पाई थीं और इस हार को स्वीकार करने में उन्हें मुश्किल हो रही थी।

बाइडेन के साथ तनाव और अभियान की कमियां

हैरिस ने अपनी किताब में जो बाइडेन के साथ अपने रिश्तों में आई खटास का भी जिक्र किया है। वह बताती हैं कि 81 वर्ष की उम्र में बाइडेन थकान के शिकार दिख रहे थे, जो खास तौर पर चुनावी बहस के दौरान साफ झलक रहा था। फिर भी उनकी टीम ‘जो बाइडेन जीतो’ जैसे नारों के साथ प्रचार करती रही। हैरिस ने माना कि अभियान के दौरान उनकी रणनीति में कई कमियां थीं, जिसने उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया।

‘द व्यू’ की गलती

किताब में हैरिस ने अपनी एक बड़ी गलती का जिक्र किया है, जो टॉक शो द व्यू में उनकी उपस्थिति के दौरान हुई। जब एक प्रस्तोता ने उनसे पूछा कि पिछले चार साल में उन्होंने बाइडेन से अलग क्या किया, तो हैरिस ने जवाब दिया, “एक भी बात दिमाग में नहीं आ रही है।” इस जवाब ने ट्रंप के प्रचार अभियान को एक बड़ा मौका दे दिया। हैरिस लिखती हैं, “मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि मैंने ट्रंप के अभियान को अनजाने में एक तोहफा दे दिया।” इस घटना ने उनके अभियान को नुकसान पहुंचाया और उनकी छवि पर सवाल उठाए।

आत्ममंथन और भविष्य की ओर

107 डेज न केवल हैरिस के अभियान की कहानी है, बल्कि यह उनके आत्ममंथन और सीख का भी दस्तावेज है। किताब में उन्होंने अपनी नाराजगियों, गलतियों और उन अजीब क्षणों को बेबाकी से उजागर किया है, जो उनके अभियान का हिस्सा रहे। यह किताब उनके समर्थकों और आलोचकों दोनों के लिए एक अनूठी झलक पेश करती है कि कैसे एक ऐतिहासिक अभियान अप्रत्याशित रूप से समाप्त हुआ।

कमला हैरिस की यह किताब न केवल उनके राजनीतिक करियर का एक अध्याय है, बल्कि यह आधुनिक अमेरिकी राजनीति के उतार-चढ़ाव और जटिलताओं को भी दर्शाती है। मंगलवार को होने वाला विमोचन इस किताब को और सुर्खियों में लाएगा, क्योंकि पाठक यह जानने को उत्सुक हैं कि हैरिस ने अपनी हार को कैसे देखा और उससे क्या सीखा।

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