Rana Sanga Controversy: राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सांसद के घर करणी सेना ने किया हमला, कई पुलिसकर्मी घायल

Rana Sanga Controversy - राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सांसद के घर करणी सेना ने किया हमला, कई पुलिसकर्मी घायल
| Updated on: 26-Mar-2025 03:00 PM IST

Rana Sanga Controversy: आगरा में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बीते मंगलवार को जमकर उत्पात मचाया। सांसद द्वारा मेवाड़ के शासक राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहे जाने के बाद शुरू हुआ विवाद अब हिंसक प्रदर्शनों तक पहुंच गया है। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुमन के आगरा स्थित आवास पर पथराव किया, बेरिकेडिंग तोड़ी, गाड़ियों में तोड़फोड़ की और घर में रखी कुर्सियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।

विवाद की जड़: राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहना

रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च, 2025 को राज्यसभा में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा था कि बाबर को भारत लाने में उनकी भूमिका थी। सुमन ने कहा, “बाबर को राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था। अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदू राणा सांगा के वंशज क्यों नहीं?” इस बयान ने राजपूत समाज सहित देश के कई हिस्सों में आक्रोश पैदा कर दिया।

करणी सेना का गुस्सा: हमला और इनाम का ऐलान

आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ता सांसद के घर पर बुलडोजर लेकर पहुंचे और हिंसक प्रदर्शन किया। पुलिस के मौजूद रहने के बावजूद प्रदर्शनकारियों की संख्या और आक्रामकता के आगे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इससे पहले, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करणी सेना ने सपा के प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सुमन के साथ-साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पुतला फूंका। संगठन ने सुमन के खिलाफ इनाम की भी घोषणा की, जिसमें उनके मुंह पर कालिख पोतने और जूते मारने वाले को पांच लाख रुपये देने की बात कही गई।

सियासी प्रतिक्रियाएं: योगी से लेकर दीया कुमारी तक

इस विवाद ने देश की सियासत को गरमा दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “ये वही लोग हैं जो बाबर, औरंगजेब और जिन्ना का महिमामंडन करते हैं। महाराणा प्रताप, राणा सांगा और छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुषों के बारे में ये क्या जानते हैं?” वहीं, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी सुमन के बयान की कड़ी निंदा की।

सुमन की सफाई: माफी या बचाव?

विवाद बढ़ने के बाद रामजी लाल सुमन ने सफाई दी। उन्होंने कहा, “मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैंने ऐतिहासिक तथ्य के आधार पर बात की थी कि बाबर राणा सांगा के निमंत्रण पर आया था। मैं सभी जातियों और समुदायों का सम्मान करता हूं।” हालांकि, उनकी यह सफाई आक्रोश को शांत करने में नाकाम रही।

राजपूत समाज का आक्रोश

राणा सांगा को राजपूत गौरव का प्रतीक माना जाता है। उनके खिलाफ की गई टिप्पणी को राजपूत संगठनों ने अपने सम्मान पर हमला माना। भोपाल में हुई महापंचायत और सपा कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी इसका उदाहरण है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुमन का बयान न सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है, बल्कि यह एक समुदाय को अपमानित करने की कोशिश भी है।

आगे क्या?

इस घटना ने न केवल सपा के लिए संकट खड़ा कर दिया है, बल्कि देश में जातीय और सांप्रदायिक तनाव को भी हवा दी है। पुलिस ने आगरा में हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह विवाद यहीं थमेगा? सुमन के बयान और उसके बाद हुई हिंसा ने एक बार फिर इतिहास को राजनीति के केंद्र में ला दिया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी दलों की रणनीति और जनता की प्रतिक्रिया पर सबकी नजर रहेगी।

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