चुनावी वादों पर जनगीत की चोट: साधो ठगे गए मतदाता... चुनावों पर व्यंग्यकार सम्पत सरल का एक जोरदार जनगीत

चुनावी वादों पर जनगीत की चोट - साधो ठगे गए मतदाता... चुनावों पर व्यंग्यकार सम्पत सरल का एक जोरदार जनगीत
| Updated on: 16-Oct-2020 02:36 PM IST
Jaipur | बिहार, मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में चुनावी मौसम है। राजस्थान के निकाय चुनावों में भी वोट मांगने के लिए नेता लोकलुभावन वादे कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश वही हैं जो पिछली बार आए थे। यही नहीं अमेरिका में भी चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में देश के ख्यातनाम व्यंग्यकार सम्पत सरल का एक जनगीत जबरदस्त वायरल हो रहा है। सरल ने मतदाताओं के साथ होती ठगी का गीत में सांगोपांग चित्रण किया है। इसमें अच्छे दिन, नोटबंदी, सूटबूट समेत कई पहलुओं का समावेश करते हुए जनभावनाओं को उकेरा है। यह गीत चुनावी माहौल में खासा लोकप्रिय हो रहा है। इस गीत को विजय तिवारी ने अपनी आवाज दी है और दिलीप सिंह सोढ़ा ने संगीतबद्ध किया है।

आपको बता दें कि देश के मौजूदा हालातों में कवि जहां सरकारी विरुदावलियां गाकर पद पाने में व्यस्त हैं। वहीं सरल के व्यंग्य सत्ता को चुनौती देते हैं और यह अहसास कराते हैं कि देश में तुकबंदीबाजों के दौर में भी कवित्व अभी भी जिंदा है।

सरल से इससे पूर्व भी चुनावों पर एक व्यंग्य लिखा था जो खासा वायरल हो रहा है।

आप यह गीत सरल के यूट्यूब चैनल पर सुन सकते हैं। 

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