उतर प्रदेश: केशव मौर्या बोले- 'मैं CM योगी के साथ था, हूं, रहूंगा, बीच में कोई दीवार आई तो गिरा देंगे'
उतर प्रदेश - केशव मौर्या बोले- 'मैं CM योगी के साथ था, हूं, रहूंगा, बीच में कोई दीवार आई तो गिरा देंगे'
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Updated on: 23-Jun-2021 05:09 PM IST
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को कैबिनेट में अपने सहयोगी केशव प्रसाद मौर्या के घर पहुंचे थे। केपी मौर्या ने अपने बेटे की शादी के उपलक्ष्य में लंच पार्टी का आयोजन किया था। कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी उसी समय डिप्टी सीएम के बेटे का विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ, इस वजह से ज्यादा लोग शिरकत नहीं कर पाए थे।
'मैं और सीएम योगी आदित्यनाथ साथ थे, हैं और हमेशा रहेंगे'केपी मौर्या और उनके परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खूब आवभगत की। इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए केशव प्रसाद मौर्या ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साथ थे, साथ हैं और साथ रहेंगे। यदि बीच में कोई दीवार आई तो उसे गिरा देंगे। उनके इस बयान के बाद तमाम अटकलों पर विराम लग गया है। योगी जी बेटे और पुत्रवधु को आशीर्वाद देने आए: केशव मौर्याउप मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेरे घर आने का अलग-अलग अर्थ निकाल रही है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। मेरे बेटे की हाल ही में शादी हुई है। बेटे और पुत्रवधू को आशीर्वाद देने के लिए योगी जी आए थे, यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस एक होकर भी भाजपा को नहीं हरा पाएंगी। भाजपा फिर 300 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी।UP में सभी सहयोगी दल BJP के लिए महत्वपूर्ण: केपी मौर्यासहयोगी दलों की नाराजगी को लेकर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की निषाद पार्टी सहित अन्य सहयोगी दलों से उच्च स्तर पर बातचीत जारी है। भाजपा के लिए यूपी की एक-एक पार्टी महत्वपूर्ण है, एक-एक कार्यकर्ता और समाज का हर हिस्सा महत्वपूर्ण है। योगी आदित्यनाथ समेत संघ और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के घर पहुंचकर पार्टी में एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। साढ़े चार साल में यह पहला मौका था जब सीएम योगी मौर्या के आवास पर गए।लंच पार्टी की फोटो सार्वजनिक कर दिया गया एकता का संदेशउत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर संघ और भाजपा नेतृत्व किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। जनता के बीच यह संदेश नहीं जाने देना चाहते कि पार्टी में किसी तरह की खींचतान है या नेताओं के बीच किसी तरह का मनमुटाव है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि संघ के शीर्ष पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस लंच पार्टी की फोटो भी इसीलिए सार्वजनिक की गई, ताकि जनता में यह संदेश जाए कि मिशन 2022 के लिए सभी एकजुट हैं।
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