Khaleda Zia Death: खालिदा जिया के निधन के बाद BNP ने 9 नेताओं को पार्टी से निकाला, जानें वजह
Khaleda Zia Death - खालिदा जिया के निधन के बाद BNP ने 9 नेताओं को पार्टी से निकाला, जानें वजह
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने एक महत्वपूर्ण और कठोर कदम उठाते हुए नौ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है और यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पार्टी अपनी प्रमुख और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन के शोक में डूबी हुई है. खालिदा जिया का 80 वर्ष की आयु में मंगलवार सुबह निधन हो गया था, जिसके बाद ढाका में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस दुखद घटना के तुरंत बाद, बीएनपी ने पार्टी के. भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कड़ा निर्णय लिया है.
निष्कासन का कारण: पार्टी के नियमों का उल्लंघन
पार्टी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इन निष्कासनों की घोषणा की. बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार के अनुसार, बीएनपी ने निष्कासित किए गए नेताओं पर पार्टी के फैसलों का उल्लंघन करने और स्वतंत्र रूप से संगठनात्मक गतिविधियां चलाने का आरोप लगाया है. यह विशेष रूप से उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई है जिन्होंने पार्टी का नामांकन प्राप्त किए बिना स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया. पार्टी ने स्पष्ट किया है कि इन नेताओं को इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि उन्होंने पार्टी के निर्णयों के खिलाफ जाकर चुनावी प्रक्रिया में भाग लिया, जो पार्टी अनुशासन का सीधा उल्लंघन है.प्रमुख नाम और उनकी भूमिकाएँ
निष्कासित किए गए नौ नेताओं में कई प्रमुख हस्तियां शामिल हैं, जो पार्टी के विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण पदों पर थीं. इस सूची में सबसे बड़ा नाम बीएनपी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की अंतरराष्ट्रीय मामलों की सह-सचिव रुमिन फरहाना का है. उनके अलावा, बीएनपी कार्यकारी समिति के सदस्य मोहम्मद गियास उद्दीन, बीएनपी नेता मोहम्मद शाह आलम, हसन मामून, अब्दुल खालिक, केंद्रीय छात्र दल के पूर्व उपाध्यक्ष और बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई कल्याण मोर्चा के महासचिव तरुण डे भी निष्कासित किए गए हैं. ढाका मेट्रोपॉलिटन नॉर्थ बीएनपी के पूर्व संयोजक सैफुल आलम, सिलहट जिला बीएनपी के उपाध्यक्ष मामुनुर राशिद और ब्राह्मणबारिया बंचारमपुर उपजिला बीएनपी के अध्यक्ष मेहदी हसन भी इस सूची में शामिल हैं. नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन सभी को पार्टी के प्राथमिक सदस्यों सहित सभी स्तरों के पदों से निष्कासित कर दिया गया है, जो इस बात का संकेत है कि पार्टी ने उनके खिलाफ पूर्ण और अंतिम कार्रवाई की है.खालिदा जिया का राजनीतिक सफर और स्वास्थ्य
पार्टी के इस कदम को खालिदा जिया के निधन के बाद एक संवेदनशील दौर में. आंतरिक अनुशासन और एकता बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. किसी भी राजनीतिक दल के लिए, विशेष रूप से एक ऐसे समय में जब उसके शीर्ष नेता का निधन हुआ हो, आंतरिक असंतोष या नियमों का उल्लंघन एक बड़ी चुनौती बन सकता है और बीएनपी का यह निर्णय यह दर्शाता है कि पार्टी अपने सदस्यों से पूर्ण निष्ठा और पार्टी के सामूहिक निर्णयों का पालन करने की अपेक्षा करती है. स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला, खासकर जब पार्टी ने किसी और को नामित किया हो, को पार्टी के अधिकार को चुनौती देने के रूप में देखा जाता है, और ऐसे समय में जब पार्टी एक संक्रमणकालीन दौर से गुजर रही है, ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति में एक कद्दावर हस्ती थीं और उन्होंने 1991 से 1996 और 2001 से 2006 तक दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. वह बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं और उनके निधन के बाद उन्होंने बीएनपी की बागडोर संभाली थी. अपने अंतिम वर्षों में, खालिदा जिया कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं. उन्हें सीने में इन्फेक्शन, लिवर, किडनी, डायबिटीज, गठिया और आंखों की परेशानी थी. उनके परिवार और पार्टी नेताओं ने उनके निधन की पुष्टि की है, जिससे बांग्लादेश की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है और उनके निधन के बाद पार्टी के भीतर यह अनुशासनात्मक कार्रवाई, पार्टी के भविष्य की दिशा और नेतृत्व को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देती है.बीएनपी के लिए आगे की राह
खालिदा जिया के निधन और उसके तुरंत बाद नौ नेताओं के निष्कासन ने बीएनपी के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं और पार्टी को न केवल अपने करिश्माई नेता के बिना आगे बढ़ने का रास्ता खोजना होगा, बल्कि आंतरिक एकता और अनुशासन को भी मजबूत करना होगा. यह निष्कासन एक स्पष्ट संदेश है कि पार्टी किसी भी कीमत पर अपनी संगठनात्मक अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीएनपी इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और अपने भविष्य की रणनीति कैसे तय करती है, खासकर जब उसे अपने सबसे अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं में से एक के बिना आगे बढ़ना है.