Farmers Tractor March: चूरू से जयपुर तक 'किसान ट्रैक्टर मार्च': 500 करोड़ के लंबित बीमा क्लेम सहित कई मांगों को लेकर आंदोलन तेज
Farmers Tractor March - चूरू से जयपुर तक 'किसान ट्रैक्टर मार्च': 500 करोड़ के लंबित बीमा क्लेम सहित कई मांगों को लेकर आंदोलन तेज
चूरू जिले के किसानों की लंबे समय से लंबित समस्याओं और बकाया फसल बीमा क्लेम को लेकर अब आंदोलन तेज हो गया है। इसी के तहत 17 नवंबर को चूरू से जयपुर तक एक विशाल ‘किसान एकता ट्रैक्टर मार्च’ निकाला जाएगा। इस महत्वपूर्ण आंदोलन की जानकारी सांसद राहुल कस्वां ने सर्किट हाउस में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान दी, जिसमें उन्होंने किसानों की दुर्दशा और उनकी मांगों को रेखांकित किया।
सांसद कस्वां ने बताया कि वर्ष 2021 का करीब 500 करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम रद्द किए जाने से चूरू जिले के किसान भारी संकट में हैं और यह रद्द किया गया क्लेम किसानों के लिए एक बड़ा झटका है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई है। बीमा पोर्टल पर डेटा एंट्री में गड़बड़ी, फसल सर्वे के दौरान किसानों को शामिल न करना, और विभिन्न सीज़न के बकाया क्लेम को लंबे समय तक लंबित रखने जैसी गंभीर खामियों के कारण हजारों किसान अब तक अपने हक से वंचित हैं। इन प्रशासनिक चूकों और अन्यायों के खिलाफ किसानों की आवाज को बुलंद करने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए यह बड़ा आंदोलन शुरू किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि उन्हें अपने हक के लिए अब निर्णायक संघर्ष करना होगा।
ट्रैक्टर मार्च का विवरण और प्रमुख भागीदारी
यह ऐतिहासिक ट्रैक्टर मार्च 17 नवंबर की सुबह ठीक 10 बजे चूरू से जयपुर के लिए रवाना होगा। इस मार्च में कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और कांग्रेस नेता शामिल रहेंगे, जो किसानों के समर्थन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और इनमें तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, रतनगढ़ विधायक पूसाराम गोदारा, सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल, सरदारशहर विधायक अनिल शर्मा, नोहर विधायक अमित चाचान, पूर्व विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया, पीसीसी उपाध्यक्ष रफीक मंडेलिया, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इंद्राज कीचड़, और पूर्व विधायक बलवान पूनिया सहित अन्य कई नेता शामिल होंगे। इन नेताओं की भागीदारी से आंदोलन को और अधिक बल मिलने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आवाज को राज्य सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सके।आंदोलन की प्रमुख मांगें
किसानों द्वारा इस मार्च के माध्यम से कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई जा रही हैं, जिनका सीधा संबंध उनकी आजीविका और कृषि संबंधी समस्याओं से है। इन मांगों में सबसे प्रमुख है खरीफ 2021 का 500 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम तुरंत जारी करना। इसके अलावा, विभिन्न फसलों के बकाया क्लेम का तत्काल भुगतान, बीमा पोर्टल में मौजूद त्रुटियों। का सुधार, और एक समयबद्ध व पारदर्शी बीमा प्रक्रिया को लागू करना भी शामिल है। किसान डीएपी-यूरिया की किल्लत को समाप्त करने और इसकी कालाबाजारी पर रोक लगाने की भी मांग कर रहे हैं। पात्र किसानों के टोकन की जांच सुनिश्चित करना, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करना, तथा मूंग और चना को प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना में शामिल करना भी उनकी प्राथमिकताओं में है और बिजली संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कृषि व घरेलू बिजली लाइनों को अलग करने और लंबित कृषि कनेक्शनों को तुरंत जारी करने की मांग की गई है। अंत में, झींगा पालन को बढ़ावा देने और यमुना लिंक समझौते को लागू करने की मांग भी इस आंदोलन का हिस्सा है।किसानों के हक की लड़ाई
सांसद राहुल कस्वां ने इस अवसर पर जोर देकर कहा कि यह लड़ाई किसानों के भविष्य और उनके हक की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चूरू के किसान अब निर्णायक संघर्ष के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और वे जयपुर तक एकजुट होकर अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाएंगे। यह आंदोलन न केवल लंबित बीमा क्लेम के भुगतान के लिए है, बल्कि यह किसानों की समग्र समस्याओं के समाधान और उनके अधिकारों की बहाली के लिए एक व्यापक प्रयास है और किसान उम्मीद कर रहे हैं कि इस मार्च के माध्यम से उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उन्हें न्याय मिलेगा।