GST Reform 2025: जानिए क्या और कितने तरह का होता है सेस? जिसके चलते GST पर मिली इतनी बड़ी राहत

GST Reform 2025 - जानिए क्या और कितने तरह का होता है सेस? जिसके चलते GST पर मिली इतनी बड़ी राहत
| Updated on: 06-Sep-2025 02:00 PM IST

GST Reform 2025: 3 सितंबर 2025 की रात को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों को एक बड़ा तोहफा दिया। जीएसटी काउंसिल की मैराथन मीटिंग के बाद केंद्र सरकार ने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव का ऐलान किया। लगभग 11 घंटे के मंथन के बाद 12 फीसदी और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया गया है। अब केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी के दो स्लैब ही बरकरार रहेंगे। इसके साथ ही सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया—सभी प्रकार के सेस (अतिरिक्त कर) को समाप्त कर दिया गया है। इस फैसले से कई महंगी चीजें सस्ती हो जाएंगी, खासकर ऑटो सेक्टर को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। आइए, इस बदलाव को विस्तार से समझते हैं।

सेस क्या होता है?

सेस एक विशेष प्रकार का टैक्स है, जो केंद्र सरकार द्वारा गुड्स और सर्विसेज पर लगाया जाता है। इसे किसी खास उद्देश्य के लिए लागू किया जाता है, और इससे प्राप्त राजस्व का उपयोग आपात स्थिति या विशिष्ट जरूरतों के लिए किया जाता है। आमतौर पर, जिस सेक्टर से सेस वसूला जाता है, उसी सेक्टर की बेहतरी के लिए इसका उपयोग होता है। सेस से प्राप्त धन केंद्र सरकार के पास रहता है और इसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता।

केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार के सेस लगाती है, जैसे:

  • जीएसटी कंपनसेशन सेस

  • तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर नेशनल कैलामिटी कॉन्टिन्जेंसी सेस

  • भवन और अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर सेस

  • रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस

  • हेल्थ और एजुकेशन सेस

  • कच्चे तेल और एक्सपोर्ट पर सेस

सरकार समय-समय पर जरूरत के आधार पर सेस को लागू या हटा सकती है।

ऑटो सेक्टर को मिलेगा बड़ा फायदा

सेस को खत्म करने के फैसले का सबसे बड़ा लाभ ऑटो सेक्टर को होगा। इससे छोटी से लेकर बड़ी और लग्जरी गाड़ियों तक की कीमतों में कमी आएगी। आइए इसे उदाहरणों के साथ समझते हैं:

छोटी कारों पर प्रभाव

4 मीटर तक की लंबाई वाली कारों, जिनका इंजन 1200cc (पेट्रोल) या 1500cc (डीजल) तक है, पर अभी तक 28 फीसदी टैक्स और 3 फीसदी सेस लगता था, यानी कुल 31 फीसदी टैक्स। अब नए बदलावों के बाद इन कारों पर केवल 18 फीसदी टैक्स लगेगा। इस श्रेणी में Maruti Alto, Tata Punch, और Hyundai Grand i10 जैसी गाड़ियां शामिल हैं।

लग्जरी और एसयूवी गाड़ियों पर प्रभाव

लग्जरी और एसयूवी गाड़ियों, जिनकी इंजन क्षमता 1500cc से अधिक, लंबाई 4 मीटर से ज्यादा, और ग्राउंड क्लियरेंस 170mm या उससे अधिक है, पर अभी तक 28 फीसदी टैक्स और 17 फीसदी सेस लगता था, यानी कुल 45 फीसदी टैक्स। नए नियमों के तहत इन गाड़ियों पर 40 फीसदी का सिन टैक्स लगेगा, और सेस पूरी तरह हट जाएगा। इसका मतलब है कि 22 सितंबर 2025 से ये गाड़ियां 5 फीसदी सस्ती हो जाएंगी।

इस प्रकार, छोटी कारों से लेकर महंगी एसयूवी तक, सभी प्रकार की गाड़ियां पहले से सस्ती हो जाएंगी।

सेस कौन लगाता है?

भारत में सेस केवल केंद्र सरकार ही लगा सकती है। हालांकि, इसे लागू करने से पहले संसद में एक कानून पारित करना जरूरी होता है, जिसमें सेस का उद्देश्य स्पष्ट रूप से बताया जाता है। बिना किसी स्पष्ट मकसद के सेस नहीं लगाया जा सकता। यह भी उल्लेखनीय है कि सेस का पैसा केंद्र सरकार के पास ही रहता है और इसका उपयोग वह अपनी जरूरतों के अनुसार करती है। राज्य सरकारें सेस नहीं लगा सकतीं और न ही उन्हें इसका राजस्व प्राप्त होता है।

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