Manipur Violence News: मणिपुर में बिरेन सरकार से अलग हुई कुकी पीपुल्स अलायंस पार्टी- NDA को तगड़ा झटका

Manipur Violence News - मणिपुर में बिरेन सरकार से अलग हुई कुकी पीपुल्स अलायंस पार्टी- NDA को तगड़ा झटका
| Updated on: 06-Aug-2023 11:31 PM IST
Manipur Violence News: मणिपुर में हिंसा पिछले 3 महीने से लगातार जारी है और इसके खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. कुकी पीपुल्स अलायंस की ओर से यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब राज्य में जारी जातीय हिंसा के मद्देनजर 21 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में अलग-अलग दलों के ज्यादातर कुकी विधायकों के सत्र में शामिल होने की संभावना नहीं है.

KPA ने राज्यपाल को भेजा पत्र

केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को भेजे पत्र में मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार से संबंध तोड़ने के पार्टी (केपीए) के फैसले की जानकारी दी है. हाओकिप ने कहा, “मौजूदा स्थिति पर काफी विचार-विमर्श के बाद, मुख्यमंत्री बिरेन सिंह की सरकार का समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है, ऐसे में केपीए बिरेन सरकार से अपना समर्थन वापस लेता है.”

60 सदस्यीय विधानसभा में KPA के 2 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 32 सदस्य हैं, जबकि इन्हें NPF के 5 और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं विपक्षी विधायकों में NPP के 7, कांग्रेस से 5 और JDU से 6 विधायक हैं.

कुकी समुदाय के लोगों के लिए अलग प्रशासनिक इकाई की मांग को ‘सर्वसम्मति’ से खारिज करने के लिए जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग की अगुवाई कर रहे शीर्ष मेइती संगठन ‘COCOMI’ ने यह दावा किया कि आदिवासी विधायकों सत्र में आने की सूरत में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

इससे पहले कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने कहा था, कि हमारे विधायकों के लिए राजधानी इंफाल आना सुरक्षित नहीं होगा. थानलोन का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्ते के साथ वहां बुरी तरह से मारपीट की गई, इस समय उनका इलाज चल रहा है.

‘कुकी की मांग पर कोई समाधान नहीं’

हाओकिप ने कहा कि राज्य में जारी हिंसा और अलग प्रशासन को लेकर कुकी समुदाय की मांगों पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है जिस वजह से कुकी-जोमी-हमार विधायकों के लिए विधानसभा सत्र में शामिल होना संभव नहीं होगा.

मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का दावा है कि कुकी विधायकों की अनुपस्थिति की वजह से तीन महीने से चल रहे जातीय हिंसा पर कोई सार्थक बहस होने की संभावना नहीं दिख रही है. इस हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

मणिपुर के कई कुकी संगठनों कुकी इंपी मणिपुर (KIM), कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (KSO), कुकी चीफ्स एसोसिएशन (KSAM) और कुकी वुमेन यूनियन (KWU) की ओर से विधायकों से सत्र में शामिल होने के लिए इंफाल जाने से बचने की सलाह दी है.

दूसरी ओर, नगा जनजाति की बेहद ताकतवर निकाय नगा होहो ने भी मणिपुर में 10 नगा विधायकों से सत्र में शामिल नहीं होने को कहा है. निकाय का दावा है कि मणिपुर सरकार नगा समूहों के साथ शांति वार्ता करने के खिलाफ काम करती रही है.

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