दिल्ली: पाकिस्तान के पैरों तले ज़मीन खिसक गई है: यूएनएचआरसी में जम्मू-कश्मीर निवासी अफसर

दिल्ली - पाकिस्तान के पैरों तले ज़मीन खिसक गई है: यूएनएचआरसी में जम्मू-कश्मीर निवासी अफसर
| Updated on: 11-Sep-2019 11:52 AM IST
जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान की मांग खारिज कर दी है. भारत ने पाकिस्तान के आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जो देश आतंकवाद का केंद्र है, वह भारत को मानवाधिकार का पाठ न पढ़ाए. संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि ने विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है.

भारत ने यूएनएचआरसी में कहा है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला जनसमर्थन से लिया गया. भारत लंबे समय से सीमापार के आतंकवाद का पीड़ित रहा है, पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है. पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी. इसका टीवी पर सीधा प्रसारण भी हुआ. भारत ने कहा कि वह अपने राज्य में किए गए पुनर्गठन पर वहां को लोगों के साथ भेदभाव खत्म होगा.

भारत के आंतरिक मामले में कोई देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता- ठाकुर सिंह

भारत की प्रतिनिधि ने विजय ठाकुर सिंह ने कहा, ‘’भारत के आंतरिक मामले में कोई देश हस्तक्षेप नहीं कर सकता. दिक्कतों के बावजूद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जरूरी सामानों की आपूर्ति जारी रखी है. प्रतिबंधों में भी धीरे-धीरे छूट दी जा रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘’हमारा संविधान बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों के मूल अधिकारों की गारंटी देता है. हमारी स्वतंत्र न्यायपालिका, फ्री मीडिया, वाइब्रेंट सिविल सोसाइटी मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करती है.’’

भारत ने पाकिस्तान के ‘‘सनकपन में दिए बयान’’ और कश्मीर मुद्दे पर यूएनएचआरसी की जांच की उसकी मांग को सिरे से खारिज कर दिया.  यूनएचआरसी के 42वें सत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी के बयान पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए विदेश मंत्रालय में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा, ‘‘ हम इस मंच (यूएनएचआरसी) का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करने के इरादे से पाकिस्तान की ओर से दिए गलत आख्यान और सनकपन भरे बयान पर आश्चर्यचिकत नहीं हैं. हमारे फैसले से पाकिस्तान को एहसास है कि सीमा पार आतंकवाद प्रयोजित कर बाधा उत्पन करने की कोशिशों में उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई है.’’

कश्मीर पर पाकिस्तान को कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भारत विरोधी भड़काऊ बयान की पृष्ठभूमि में आर्यन ने कहा, ‘‘कुछ पाकिस्तानी नेता इस हद तक चले गए कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जिहाद का आह्वान किया.’’ जम्मू-कश्मीर निवासी भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान से कहा कि कश्मीर के लोग लोकतंत्र के मूल मूल्यों को संरक्षित करने के लिए एकजुट हैं और जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान को कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है.

दुनिया को मूर्ख नहीं बना सकता पाकिस्तान

आर्यन ने कहा कि यूएनएचआरसी मंच पर पाकिस्तान ने मानव अधिकार पर विश्व की आवाज की तरह खुद को पेश किया, लेकिन वह दुनिया को मूर्ख नहीं बना सकता. पाकिस्तान का इतिहास सच्चाई बता रहा है. इस हथकंडे से पाकिस्तान धार्मिक समूहों और जातीय अल्पसंख्यकों जैसे ईसाई,हिंदू, सिख, शिया, अहमदिया के उत्पीड़न से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान नहीं भटका सकता.

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