जेएनयू में मारपीट का मामला: वाम छात्र संगठनों ने घेरा कुलपति कार्यालय, एबीवीपी ने निकाली सद्भावना यात्रा

जेएनयू में मारपीट का मामला - वाम छात्र संगठनों ने घेरा कुलपति कार्यालय, एबीवीपी ने निकाली सद्भावना यात्रा
| Updated on: 13-Apr-2022 11:12 AM IST
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कावेरी हॉस्टल में रामनवमी के मौके पर लेफ्ट और एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच मारपीट को लेकर मंगलवार को भी कैंपस में दिनभर गहमागहमी रही।

दोनों छात्र संगठन एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्योराप लगाते रहे। आइसा समेत अन्य लेफ्ट छात्र संगठनों ने कुलपति कार्यालय का घेराव किया और पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग रखी, वहीं एबीवीपी ने पूरे मामले में प्रॉक्टोरियल जांच की मांग रखी और कैंपस में सद्भावना यात्रा निकाली। आइसा का कहना है कि कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। हालांकि अपना मांगपत्र उन्होंने सौंप दिया है। उधर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी लेफ्ट छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।

जेएनयू कैंपस में दोनों पक्षों के बीच दिन भर आरोप-प्रत्यारोप तो चलते रहे, लेकिन शांति बनी रही। दोनों छात्र संगठनों के नेता पूरे मामले की जांच करवाने की बात कह रहे हैं, ताकि दोषियों को सजा दिलवाई जा सके।  एबीवीपी जेएनयू इकाई के मंत्री उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा, हमने जेएनयू प्रशासन को  शिकायत पत्र देकर पूरे  मामले की प्रॉक्टोरियल जांच करवाने की मांग रखी है, ताकि कैंपस में हिंसा फैलाने वाले अराजक तत्वों को सजा मिल सके।

उधर, जेएनयू छात्रसंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल  कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलीपुडी पंडित से मिलने पहुंचा, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। सुरक्षा अधिकारियों ने कुलपति से मुलाकात के लिए औपचारिक अनुरोध कर समय मांगने को कहा, लेकिन समय नहीं दिया गया। लेफ्ट प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन11 अप्रैल को जारी अपने बयान को वापस ले,  जिसमें कहा कि  कुछ छात्रों ने राम नवमी के मौके पर शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हवन का विरोध किया तो हिंसा भड़क गई।

जामिया में विरोध प्रदर्शन

 जेएनयू समेत देश के अन्य शहरों में रामनवमी के मौके पर हिंसा की घटनाओं के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी प्रदर्शन हुआ। आइसा समेत विभिन्न छात्र संगठनों ने जामिया परिसर में विरोध मार्च निकाला। स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (एसआईओ) के जामिया अध्यक्ष मुसद्दिक मुबीन ने कहा कि देश में नफरत का माहौल बढ़ रहा है। एक समुदाय विशेष पर अत्याचार बेहद निंदनीय हैं।

मुझे हॉस्टल में नॉन-वेज की आपूर्ति बंद करने की धमकी मिली थी...

जेएनयू कैंपस हॉस्टल में नॉन-वेज सप्लाई करने वाले वेंडर अफजल अहमद ने आरोप लगाया है कि रामनवमी के दिन कावेरी हॉस्टल में नॉन-वेज सप्लाई न करने की धमकी दी गई थी। वर्षों से जेएनयू हॉस्टल में नॉन-वेज में ही सप्लाई करता हूं। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था कि किसी खास त्योहार के मौके पर नॉन-वेज की सप्लाई न करने की हिदायत दी गई हो। मुझे फोन करने वाले छात्रों को मैं जानता हूं।

अहमद ने कहा कि शाम करीब 4 बजे कावेरी हॉस्टल मेस सेक्रेटरी का फोन आया और चिकन डिलीवर करने को कहा गया। मैंने अपनी वैन रोक दी और मेरे साथ के लोग हॉस्टल मेस में आपूर्ति करने के लिए नॉन-वेज निकालने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने मुझे रोक दिया, इसके बाद मैं वहां से चला गया। अहमद का कहना है कि जेएनयू को 250-300 किलोग्राम नॉन-वेज की आपूर्ति की जाती है। इससे पहले जेएनयू छात्रसंघ और आइसा ने आरोप लगाया है कि वेंडर को आपूर्ति करने से रोका गया था। जबकि एबीवीपी ने इन आरोपों से इंकार किया है। ब्यूरो

जांच के लिए गठित हो सकती है एसआईटी

वसंतकुंज (नार्थ) थाना पुलिस ने जेएनयू में रविवार रात मारपीट मामले में जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को एफएसएल व क्राइम टीम ने मौके का मुआयना किया और सैंपल उठाए। जांच के लिए जल्द ही दक्षिण-पश्चिमी जिले में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया जा सकता है। दूसरी तरफ पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।

आरोपियों को पहचान कर उन्हें जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को रोहिणी स्थित एफएसएल की टीम और क्राइम टीम जेएनयू में घ्कावेरी हॉस्टल पहुंची और मौके का मुआयना किया। एफएसएल की टीम ने खून के अलावा अन्य सैंपल एकत्रित किए हैं। दक्षिण-पश्चिमी जिला

डीसीपी मनोज सी ने बताया कि पुलिस मौके से सैंपल एकत्रित करवा रही है। पीड़ितों के बयान दर्ज करने के लिए संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। जिले के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कॉवेरी हॉस्टल में मारपीट मामले में 29 छात्र व छात्राएं घायल हुईं हैं। कुल 29 लोगों की एमएलसी बनी है। इनमें एबीवीपी के 19 छात्र व छात्राएं हैं, जबकि वामपंथी संगठनों के 10 छात्र व छात्राएं शामिल हैं। खास बात ये है कि किसी भी पीड़ित ने शिकायत नहीं दी है। छात्र संगठनों की ओर से ही शिकायत दी गई है। 

विवि परिसर में हिंसा से बचा जाना चाहिए : यूजीसी अध्यक्ष

जेएनयू के पूर्व कुलपति और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार की हिंसा से बचा जाना चाहिए। 

लड़ाई सिर्फ कावेरी हॉस्टल में हुई है। दरअसल, कावेरी में रामनवमी की पूजा चल रही थी। वहां एबीवीपी के कार्यकर्ता मौजूद थे। अन्य हॉस्टल में नॉन-वेज बना और छात्रों ने खाया भी था।  

-शुभांशु सिंह, छात्र नेता, डीएसएफ


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