देश: लॉकडाउन फेल रहा, कोरोना दौड़ रहा, अब प्लान B बताएं पीएम नरेंद्र मोदी: राहुल गांधी
देश - लॉकडाउन फेल रहा, कोरोना दौड़ रहा, अब प्लान B बताएं पीएम नरेंद्र मोदी: राहुल गांधी
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Updated on: 26-May-2020 01:00 PM IST
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता (Congress) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मंगलवार को पत्रकारों से बात की। प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम कोरोना से 21 दिनों की जंग लड़ने जा रहे हैं। आज 60 दिन हो गए हैं लेकिन हम इकलौते ऐसे देश हैं जहां वायरस तेजी से बढ़ रहा है।हिन्दुस्तान ऐसा देश है जो लॉकडाउन बढ़ते वक्त लॉकडाउन बंद कर रहा है। यह बात स्पष्ट है कि लॉकडाउन फेल हुआ है। जो लक्ष्य नरेंद्र मोदी जी का था, वह पूरा नहीं है। हम बहुत आदर से सरकार से पूछना चाहते हैं कि अब आपका प्लान बी क्या है? राहुल गांधी ने कहा कि जहां हमारी सरकार है हम वहां लोगों को नकद मुहैया करा रहे हैं लेकिन केंद्र से हमें कोई मदद नहीं मिली। राहुल ने कहा कि हमारी पार्टी की सरकारों के पास प्रवासियों को प्रबंधित करने, राज्यों में जांच बढ़ाने की रणनीति है लेकिन बिना केंद्र की मदद के वह अकेले सब कुछ नहीं कर सकते।महामारी से पहले देश और इसके बाद में बेरोजगारी के प्रतिशत में दर्ज किये गये उछाल के सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि हमें इकॉनमी और स्वास्थ्य के बीच एक रास्ता बनाना होगा ताकि दोनों सुचारु रूप से चल सके। बतौर राष्ट्रीय नेता मुझे यह कहते हुए काफी दुख हो रहा है कि हमारी कई कंपनियां बंद हो जाएंगी। बैंककरप्ट हो जाएंगी। लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार हो रहे हैं। जरूरी है कि सरकार इकॉनमी और हेल्थकेयर दोनों पर एक समान काम करे।चीन और नेपाल पर राहुल ने क्या कहा?चीन और नेपाल के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के सवाल पर राहुल ने कहा कि सीमा विवाद की डिटेल्स, क्या हुआ और कैसे हुआ, क्या किया गया, इसकी पूरी जानकारी सरकार पूरे देश को दे। सरकार इसकी सभी को जानकारी दे। नेपाल और चीन के साथ सीमाओं पर क्या हुआ यह सरकार जनता को बताए। चीन और भारत के मुद्दे पर ज्यादा नहीं बोलना चाहता लेकिन ट्रांसपैरेंसी की जरूरत है। जब तक ट्रांसपैरेंसी नहीं होगी तो इस पर मेरा कोई कॉमेंट करना जरूरी नहीं है।अपने ट्वीट और उसके 54 दिन बाद लॉकडाउन लागू करने के सवाल पर राहुल ने कहा कि सरकार का काम गवर्नेंस का है। हमारा काम अपोजिशन का है। हमारा काम सरकार पर प्रेशर डालने का है। अगर सरकार कुछ नहीं देख रही या इग्नोर कर रही है तो उसको हाईलाइट करना हमारा काम है। मैंने जो फरवरी में किया था वही मैं आज भी कर रहा हूं। मैंने अपनी पोजिशन नहीं बदली है। हमें अपने लोगों को मजबूत करना होगा- राहुलराहुल ने कहा कि अभी तो पहला चैप्टर भी शुरू नहीं हुआ। मेरा कहना है कि सरकार अपने आर्थिक पैकेज पर दोबारा विचार करे। हर मजदूर के जेब में पैसा दिया जाए। हमें अपने लोगों को हर महीने 7500 रुपए देने होंगे। विदेशों के लोग क्या कह रहे हैं कि रेटिंग गिर जाएगी, इससे हमें मतलब नहीं होना चाहिए। हमें अपने लोगों को मजबूत करना होगा। प्रवासियों से जुडे महाराष्ट्र के नेता राज ठाकरे और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के टिप्प्णियों पर राहुल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति भारतीय पहले हैं, राज्य का निवासी बाद में। ऐसे में यह सब कहना बहुत ही अपमानजनक है। लेकिन अब वह बैकफुट पर चले गए।।एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले फ्रंटफुट पर खेल रहे थे लेकिन अब वह बैकफुट पर चले गए हैं। जरूरी है कि वह पहले की तरह फ्रंटफुट पर आएं और देश को बताएं कि आगे क्या करना है?ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े सवाल पर राहुल ने कहा कि मैं एक्सपर्ट नहीं हूं। सरकार के पास एक्सपर्ट हैं कि वह कैसे लॉकडाउन खोले लेकिन मैं जो समझता हूं कि अगर आपको हवाई यात्रा और रेल शुरू करना है तो आपको राज्यों से सलाह लेनी चाहिए। इकॉनमी का शुरू होना जरूरी है साथ ही साथ हेल्थकेयर भी जरूरी है।महाराष्ट्र से जुड़े सवाल पर राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र में हम सरकार को सपोर्ट कर रहे हैं लेकिन हम वहां महत्वपूर्ण फैसले लेने में शामिल नहीं हैं। हम पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार चला रहे हैं जबकि महाराष्ट्र में हम सरकार का समर्थन कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र अभी संघर्ष कर रहा है और जरूरत है कि केंद्र की मदद मिले।राहुल ने कहा कि सरकार ने हमारी कुछ सलाह मानी है हमें खुशी है लेकिन वह सरकार हैं और बतौर विपक्ष हम जो सलाह दे सकते हैं वह दे रहे हैं लेकिन वह उनके ऊपर है कि वह कौन सी सलाह मानेंगे या नहीं।बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगाए गए आरोप पर News18 India के पत्रकार अरुण सिंह के सवाल पर राहुल ने कहा कि - 'मेरा लक्ष्य है कि मैं गरीबों से बात करता हूं, मजदूरों से बात करता हूं, उनके दिल में क्या है यह जानना चाहता हूं। इसका मुझे सच में फायदा मिलता है। जहां तक मदद की बात है मैं करता रहता हूं। अगर वह मुझे परमिशन दें तो मैं एक का नहीं 10-15 का बैग उठाकर ले जाऊं। मगर मेरा लक्ष्य है कि जो उन मजदूरों के दिल में है वह बात हिन्दुस्तान के दिल में पहुंचे।'राहुल ने कहा कि 'मैं डॉक्यूमेंट्री इसलिए बनाई ताकि हिन्दुस्तान इनका दुःख समझे। इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है। यह लोग हमारी शक्ति हैं। हमारा भविष्य है। अगर हम इनकी मदद नहीं करेंगे तो किसकी करेंगे। अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लगता है कि मैं ड्रामा कर रहा हूं तो ठीक है । मुझे परमिशन दें और मैं यूपी जाऊंगा। जितने लोगों की मदद कर पाऊंगा करुंगा।' प्रेस वार्ता के आखिर में राहुल ने कहा कि 60 दिनों बाद भी बीमारी नियंत्रित नहीं हुई। सरकार आने वाले दिनों में क्या करेगी। हमें इस पर साफ साफ बताया जाए।कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच यह राहुल की चौथी प्रेस वार्ता है। इससे पहले 16 अप्रैल, 7 मई और 15 मई को भी प्रेस वार्ता कर चुके हैं। वहीं उन्होंने इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नगर रघुराम राजन और नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बातचीत का ऑनलाइन सत्र आयोजित किया गया था।
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