Lumpy Virus News: देशभर में 58 हजार से ज्यादा गायों की लंपी वायरस से मौत, इन 16 राज्यों में फैली बीमारी

Lumpy Virus News - देशभर में 58 हजार से ज्यादा गायों की लंपी वायरस से मौत, इन 16 राज्यों में फैली बीमारी
| Updated on: 11-Sep-2022 09:53 AM IST
Lumpy Virus News: लंपी वायरस (Lumpy Virus) ने देशभर में 58 हजार से ज्यादा गायों (Cows) की जान ले ली है. राजधानी दिल्ली (Delhi) में भी इस वायरस से संक्रमण के 173 मामले दर्ज किए गए. अभी तक इसके 12 राज्यों में फैले होने की बात कही जा रही थी, अब केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला (Parshottam Rupala) ने कहा है कि 16 राज्यों में बीमारी दस्तक दे रही है. राजस्थान (Rajasthan) लंपी वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. कहा जा रहा है कि यहां मवेशियों के शव दफनाने की जगह कम पड़ गई है. 

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि बीमारी से निपटने के लिए सभी राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाने के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है. इसके जरिये अधिकारी राज्य के अधिकारियों के साथ सलाह-मशविरा कर रहे हैं. सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने की कोशिशों को लेकर इसके निर्माता से बातचीत की गई है. रूपाला ने कहा कि राजस्थान का हाल जानने के लिए वह भी वहां गए थे और प्रदेश सरकार का पूरा सहयोग किया जा रहा है. 

दूध संकट पर यह बोले केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जानकारी दी कि दूध का सबसे ज्यादा संकलन गुजरात से होता है. वहां लंपी वायरस लगभग शांत होने की स्थिति में आ गया है. उन्होंने कहा कि उनकी अमूल से बात हुई, जहां से जवाब मिला है कि वहां उनके दूध के कलेक्शन पर कोई संकट नहीं है.

क्या है बीमारी और उपचार

लंपी वायरस मवेशियों को होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इसे कैपरी पॉक्स वायरस भी कहते हैं. मच्छर, मक्खियां, जूं और ततैया आदि कीट इस बीमारी के रोगवाहक के रूप में काम करते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि दूषित भोजन-पानी के सेवन से भी लंपी वायरस का संक्रमण फैलता है. इस वायरस से संक्रमित पशुओं की खाल पर गाठें पड़ जाती हैं फिर उनमें घाव हो जाते हैं. मवेशियों को बुखार आना, नाक बहना, अधिक लार बहना और आंख आना इसके अन्य लक्षण हैं. यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है.

इस बीमारी का कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है लेकिन गोट पॉक्स वैक्सीन इसके निदान के रूप में इस्तेमाल की जा रही है. वैक्सीन की डोज पशुओं में संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है. इसके अलावा संक्रमित मवेशियों को पृथक रखने के लिए कहा जाता है. 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।