महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़कर 45 हुए; 6 मुंबई और 3 पुणे में मिले

महाराष्ट्र - महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़कर 45 हुए; 6 मुंबई और 3 पुणे में मिले
| Updated on: 09-Aug-2021 10:59 AM IST
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (COVID) के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 8 अगस्त यानी रविवार तक कुल 45 मामले दर्ज किए गए हैं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने कल यह जानकारी दी. डेल्टा प्लस स्वरूप (Delta Plus variant) के मामलों के लिहाज से जलगांव जिला सर्वाधिक प्रभावित है. जलगांव में अब तक डेल्टा प्लस के सबसे ज्यादा 13 मामले रिपोर्ट हुए हैं. इसके बाद रत्नागिरी जिले में 11 मामले, मुंबई में 6 केस, ठाणे में 5 मामले और पुणे में तीन केस दर्ज किए गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के एक बयान में कहा, "जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों में से 80 प्रतिशत सैंपल के डेल्टा प्लस संस्करण (कोरोनावायरस) की पुष्टि हुई है."

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राज्य की जनता से कहा कि कोविड महामारी अब भी मौजूद है. पहली और दूसरी लहर चली गई है, लेकिन त्योहार आ रहे हैं. सभी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. 

ठाकरे ने यह भी उल्लेख किया कि वायरस लगातार खुद को बदल रहा है और डेल्टा वैरिएंट तेजी से फैलता है. उन्होंने कहा कि मुंबई में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब्स शुरू की गई हैं. उन्होंने कहा कि पुणे, अहमदनगर, सोलापुर, सांगली, सतारा, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी - इन जिलों को अभी भी सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में प्रशासन की जवाबदेही ज्यादा है.

बता दें कि महाराष्ट्र में रविवार को 5,508 नए कोविड-19 केस दर्ज किए गए जबकि 151 लोगों की मौत हुई है. महाराष्ट्र में संक्रमितों की कुल तादाद 63,53,328 हो गई और  1,33,996 लोग अब तक संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं. राज्य में फिलहाल 71,510 एक्टिव केस हैं. 

देश में 4 अगस्त तक डेल्टा प्लस के 83 मामले: सरकार

सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि देश में चार अगस्त तक कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप के 83 मामले सामने आए. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक महाराष्ट्र में 33, मध्य प्रदेश में 11 और तमिलनाडु में 10 मामले दर्ज किए गए हैं. 

मंत्री ने बताया कि वायरस के ‘जिनोमिकट डेटा' का विश्लेषण लगातार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्यों को नियमित रूप से इसका परामर्श भेजा जाता है कि वे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूने भेजें.

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